सीमांचल एक्सप्रेस • संवाददाता • मासुम रेजा
अररिया: बिहार के अररिया शहर के टाउन हॉल में बज़्म ए सदफ इंटरनेशनल और पीपुल्स कॉलेज अररिया के तत्वावधान में दो दिवसीय सेमिनार सह मुशायरा का आयोजन हुआ. सोमवार को आयोजित सेमिनार के पहले सत्र में साहित्यकार व शायर प्रो.गजनफर अली के लिखे उपन्यास और कहानी पर चर्चा की गयी. दूसरे सत्र में देश के विभिन प्रान्तों से आये शायरों का मुशायरा हुआ. साथ ही पीपुल्स कॉलेज के प्रिंसिपल मरहूम प्रो.महफुजूर रहमान की जीवनी पर चर्चा की गयी.
दलितों के ऊपर उर्दू में किताब: सेमिनार की अध्यक्षता बिहार उर्दू एकेडमी के पूर्व सचिव मुश्ताक अहमद नूरी ने किया. अररिया जिला में पहली बार इस तरह का आयोजन बज्म ए सदफ इंटरनेशनल और पीपुल्स कॉलेज अररिया के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. मौके पर आयोजन समिति द्वारा सेमिनार और मुशायरे में भाग लेने पहुंचे अतिथियों का बुके और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया. बज्म ए सदफ इंटरनेशनल के अध्यक्ष प्रो सफदर इमाम कादिरी ने स्वागत भाषण में कहा कि प्रो.गजनफर 70 वर्ष के हैं. वो पचास साल से उपन्यास और कहानी लिख रहे हैं, जो काफी मकबूल हुई. वे देश के पहले साहित्यकार हैं जिन्होंने दलितों के ऊपर उर्दू में किताब लिखी है.
पुस्तकों का विमोचन किया गया: विषय प्रवेश पीपुल्स कॉलेज के प्रिंसिपल इनायतुल्लाह नदवी ने किया. उन्होंने कहा कि आज अररिया की धरती पर पहली बार इतने बड़े बड़े कहानीकार आए हैं. इनमें विदेश के शायर ने भी भाग लिया है. इस मौके पर विभिन प्रान्तों से आये उर्दू के स्कॉलर और कई लेखकों द्वारा लिखी गई आधा दर्जन के करीब पुस्तकों का विमोचन भी किया गया. मौके पर सफदर इमाम ने कहा कि सीमांचल के इलाके उर्दू पढ़ने और जानने वाले हैं. यही वजह है कि अररिया की धरती पर कतर से चलकर मशहूर शायर अतीक नजर के साथ देश की राजधानी दिल्ली, अलीगढ़, मुंबई, कलकत्ता, पटना, मुंगेर, सिवान, गोपालगंज, पूर्णियां के नामवर कहानीकार तशरीफ़ लाये हैं.
टाउन हॉल में मुशायरा का आयोजन: सेमिनार का संचालन पटना से आई अफ़सा नाज ने किया. मौके पर दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लेखक, कवि और शायरों ने अपनी बातें रखी. जिनमें मुख्य रूप से जिसमे प्रो अली रफत, मो.जमशेद रांची, डॉ जफर कमाल सिवान, जफर इमाम बेतिया, प्रो अबू बकर दिल्ली, इकबाल, मो.तैयब, आरिफ इकबाल, जुबैर शादाब, कतर दुबई से अतीफ अंजर, प्रो सगीर इब्राहिम, रजी अहमद तन्हा, रफी हैदर अंजुम, अब्दुल गनी लबिब, प्रो रकीब अहमद, मुफ्ती इनामुल बारी, मौलाना शाहिद आदिल शामिल थे. दूसरे सत्र में टाउन हॉल में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मुशायरा का आयोजन हुआ. सेमिनार में जिले के उर्दू स्कॉलर के साथ मशहूर शख्सियत भी मौजूद रहे.