दिल्ली सरकार और एमसीडी स्कूलों में लाखों छात्रों की बढ़ोत्तरी कोविड-19 महामारी से बर्बाद हुए माता-पिता की वित्तीय दुर्दशा को दर्शाती है- आदर्श शास्त्री


Seemanchal Express Bureau New Delhi,
J.k. Kushwaha

·  दिल्ली सरकार और एमसीडी स्कूलों में लाखों छात्रों की बढ़ोत्तरी कोविड-19 महामारी से बर्बाद हुए माता-पिता की वित्तीय दुर्दशा को दर्शाती है- आदर्श शास्त्री



· सरकारी 1027 स्कूलों में से 339 में ही साइंस स्ट्रीम है-आदर्श शास्त्री।

·  दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की 45 प्रतिशत कमी- आदर्श शास्त्री।

 



नई दिल्ली, 16 सितम्बर 2021- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक श्री आदर्श शास्त्री ने कहा कि दिल्ली के प्राईवेट स्कूलों के लाख 40 हजार छात्रों ने मजबूरन स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया जबकि निगम स्कूलों में भी 50,000 छात्रों ने निगम स्कूलों को चुना है। सरकारी और निगम स्कूलों में छात्रों की बढ़ोत्तरी शिक्षा की गुणवत्ता की वजह से नही बल्कि कोविड-19 महामारी में आर्थिक तंगी के कारण अभिभावको द्वारा फीस देने की क्षमता न होने की वजह से बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार द्वारा दिल्लीवालां से किए गए वायदों को पूरा नही करने की वजह से अधिकतर परिवार वित्तिय संकट झेल रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जोर देने के बाद तब जब कोविड से मौतों का तांडव हो रहा था और कई परिवारो ने अपनी रोजी रोटी तक खो दी थीतब केजरीवाल सरकार ने वित्तिय पैकेज देने का वायदा किया था। श्री शास्त्री ने पूछा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के स्कूलों के वर्ल्ड क्लास होने का दावा करते हैक्या निगम स्कूल वर्ल्ड क्लास नही है जिनको इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने चुना हैसंवादददाता सम्मेलन में श्री परवेज आलम भी मौजूद थे।संवाददाता सम्मेलन में आदर्श शास्त्री ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री केजरीवाल और सिसोदिया का दिल्ली के शिक्षा मॉडल वर्ल्ड क्लास का दावा सही है तो कोविड से पूर्व अरविन्द सरकार पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान लाख 10 हजार से अधिक छात्रों ने सरकारी स्कूलों को क्यों छोड़ दिया थाजबकि उसी दौरान प्राईवेट स्कूलों में लाख 25 हजार छात्रों की वृद्धि हुई थी और दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में भी लाख 75 हजार छात्रों की भारी गिरावट देखी गई थी।केजरीवाल के झूठ को उजागर करते हुए श्री शास्त्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में 45 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है जबकि 1027 सरकारी स्कूलों में से केवल 196 स्कूलों में ही प्रींसिपल है। उन्होंने कहा कि यह चौकाने वाला है कि दिल्ली सरकार के 339 स्कूलों में ही साईस स्ट्रीम है और अरविन्द सरकार ने कांग्रेस की शीला दीक्षित के नेतृत्व में बनाए गए 16 स्कूलों को बंद कर दिया गया। श्री आदर्श शास्त्री ने कहा कि पिछले वर्षो में केजरीवाल सरकार ने बोर्ड की परीक्षा के परिणामों को सुधारने के नाम पर 9वीं और 11वीं कक्षाओं के 4.75 लाख छात्रों को फेल कर दियाजो कि बच्चों के गरीब अभिभावकों के बहुत बड़ा धोखा किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और एमसीडी स्कूलों में लाखों छात्रां को गैर योजना के एक साथ समयोजित करके बैठाना सरकारी स्कूलों के बहुत बड़ा संकट होगाक्योंकि दिल्ली की अरविन्द सरकार के स्कूलों का बुनियादी ढ़ांचा चरमराया हुआ हैवर्ल्ड क्लास शिक्षा मॉडल का केवल झूठा प्रचार किया जा रहा है। श्री आदर्श शास्त्री ने कहा कि यदि बच्चों को मजबूरन सरकारी स्कूलों को चुनना पड़ रहा है तो यह कोविड महामारी से बर्बाद हुए दिल्ली में लोगों की आर्थिक दुर्दशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश अभिभावकों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होने की वजह से सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजकर स्वयं बर्बाद कर रहे हैऐसा अभिभावक मान रहे है।  उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार द्वारा कोविड-19 महमारी से निपटने में लापरवाही के कारण दिल्ली का शिक्षा मॉडल पूरी तरह विफल हो गया है। दिल्ली में बेरोजगारी में बढ़ोतरीआर्थिक तंगी के लोगों की अजीविका भी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कोविड काल में दिल्लीवालों को राहत देने का वायदा करने के बावजूद ऑटोटैक्सीलघु उघोगरेहड़ी पटरी व अन्य को राहत के नाम पर कुछ नही दिया।

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