केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित मॉडल टेनेंसी एक्ट 2021 से करोड़ों लोग होंगे बेघर और बेरोजगार


सुनील कुमार सैन

नई दिल्ली, कोरोना की त्रासदी ने जहाँ एक तरफ देशभर में करोड़ों लोगो को नौकरी छीन ली है और वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने व्यापारियों को राहत देने के बजाय उनको मरने के लिए सड़क पर छोड़ दिया है जिसकी बजह से पिछले हफ्ते सरकार द्वारा प्रस्तावित मॉडल टेनेंसी एक्ट 2021।
राजधानी पगड़ी किरायेदार संगठन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीजी से अपील करती है कि केंद्र सरकार मॉडल टेनेंसी एक्ट 2021 के ऊपर दुबारा विचार करे, क्योंकि अगर यह कानून प्रस्तुत रूप में लागू किया जाएगा तो 99% पगड़ी किरायेदार अपनी अपनी दुकानों से विस्थापित हो जाएंगे। पूरे देश में त्राहि त्राहि हो जाएगी, विशेषकर दिल्ली में, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून दिल्ली में तुरंत लागू माना जायेगा।
रामभक्त अग्रवाल - संयोजक राजधानी पगड़ी किरायेदार संगठन ने बताया कि सेक्शन 47(1) के अंतर्गत दिल्ली किराया कानून 1958 रद्द हो जायेगा और पगड़ी किरायेदार सड़क पर फेंक दिए जाएंगे। पगड़ी का कोई अर्थ नहीं रहेगा और पगड़ी किरायेदार को मार्किट रेंट देना पड़ेगा या दुकान छोड़नी पड़ेगी। हरदीप सिंह पुरी जी का यह बयान एकदम गलत है कि यह कानून केवल नई टेनेंसी पर लागू होगा। संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार बहुत आसानी से सेक्शन 47 को पारित न करके नए एक्ट में यह खुलासा कर सकती थी कि पुरानी टेनेंसी या किरायेदारी यथावत बनी रहेगी। इसके बजाय केंद्र सरकार ने भू माफिया का साथ देते हुए पगड़ी किरायेदारों की रोजी रोटी छीन ने का निश्चय किया है।
प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फ़ॉर लोकल की धज्जियां उड़ गयीं हैं। इससे दिल्ली भर में करोड़ों लोगो की रोजी-रोटी में संकट खड़ा हो गया है और दूसरों को रोजगार देने वाले व्यापारी लोग खुद भिखारी बनने के कगार पर आ चुके है। अगर सरकार हम व्यापारियों की अपील नहीं सुनती है तो हम लोग दिल्ली के हर मार्किट से विरोध प्रदर्शन की तयारी करेंगे।

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