भरत सिंह
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ केयर बीमा योजना है, जिसके तहत पूरे देश में 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवार के लगभग 50 करोड़ लाभार्थी हैं जो सालाना 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 84 लाख 29 हजार 410 लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाया है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 22 हजार 900 करोड़ रुपए खर्च किए। अबतक 15 करोड़ 94 लाख 64 हजार 375 लोगों का ई-कार्ड बनाया जा चुका है। मोदी सरकार ने सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना लागू की थी यदि दिल्ली में भी जनकल्याणकारी आयुष्मान भारत योजना लागू हो गई होती तो इससे 72 लाख 78 हजार लोग लाभान्वित हो गए होते। प्रदेश कार्यालय में हुई संयुक्त प्रेसवार्ता को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता विक्रम बिधूड़ी उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि 23 मार्च, 2020 को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा के पटल पर बजट के दौरान दिल्ली में भी आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत तो ये है कि केजरीवाल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की जगह लटकाने के लिए अजीब सी शर्त रखी। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री आम आदमी बीमा योजना आयुष्मान भारत रखा जाएगा ताकि दिल्ली के गरीब लोगों को नरेन्द्र मोदी सरकार के द्वारा मिलने वाला लाभ न मिल सके और गरीब आदमी मोदी सरकार का हितैषी न बन जाये।
आदेश गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी में स्वास्थ सुविधाओं के अभाव में जो दुर्दशा दिल्लीवासियों की हुई है वह दिल्ली सरकार के तमाम दावों पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं बनाया, इससे साफ जाहिर है कि दिल्लीवासियों के लिए कभी सोचा ही नहीं और बस अपने खजाने को भरने में जुटे रहे। केजरीवाल सरकार की निजी अस्पतालों के साथ सांठ-गांठ है इसलिए उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में अब तक लागू नहीं होने दिया। आयुष्मान भारत योजना से जुड़े निजी अस्पतालों में इलाज का रेट फिक्स है और दिल्ली के निजी अस्पताल लोगों से मनमाने रेट वसूलते हैं, इन अस्पतालों को मनमानी लूट करने की खुली छूट पर कोई रोक न लगाए, इसलिए केजरीवाल सरकार ने जनकल्याणकारी आयुष्मान भारत योजना के लाभ से दिल्लीवासियों को वंचित रखा है। उन्होंने कहा कि मजबूरन लोगों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ता है, लेकिन जो वर्ग निजी अस्पतालों का खर्च वहन करने में असक्षम हैं उनके अपने इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना देशभर में कोरोना महामारी के संकट के समय में मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल के अहंकार और हठ के कारण आपदा के समय में भी दिल्ली के लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार का रवैया न तो सकारात्मक है और न ही आयुष्मान योजना लागू करने में उनकी रुचि दिखती है। कोरोना की दूसरी लहर ने और तेजी के साथ दिल्ली को अपनी चपेट में ले लिया। इन भयावह स्थितियों को देखकर भी केजरीवाल सरकार को आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू करना जरूरी नहीं लगा। दर्शक की तरह मुख्यमंत्री दिल्लीवासियों की तकलीफ को देखते रहे।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के 72 लाख 78 हजार गरीब और कमजोर वर्ग के लोग भी आयुष्मान भारत योजना के लाभ के भागीदार होते, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में रोक दिया जबकि दिल्ली के 32 सरकारी और 49 निजी अस्पताल भी इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं, लेकिन दुख की बात ये है कि लोग उनमें आयुष्मान योजना के तहत अपना इलाज नहीं करा सकते हैं। अब इसे दिल्ली का दुर्भाग्य ही कह सकते है कि उसे केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री मिला। कोरोना महामारी की शुरुआत के समय ही केंद्र सरकार ने कोरोना की जांच और इलाज को आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर दिया था। कुछ राज्यों ने कोरोना के इलाज के लिए इस योजना का दायरा ऑक्सीजन की आपूर्ति से लेकर आवश्यक दवाओं के खर्च तक बढ़ा दिया। लेकिन मुख्यमंत्री ने आपदा के समय अपनी सोच का दायरा भी नहीं बढ़ाया। कहते हैं जान बचाने वाला सबसे महान होता है, लेकिन केजरीवाल सरकार इसके विपरीत दिशा में काम करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना पर कितना फोकस है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 22 हजार 900 करोड़ रुपए खर्च किए हैं और अब तक 1 करोड़ 84 लाख 29 हजार 410 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इसलिए मुख्यमंत्री को अब अपने झूठे दावों पर विराम लगा कर दिल्लीवासियों के हित में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना लागू करने में देर नहीं करनी चाहिए।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल झूठ और लूट के सौदागर बन गए हैं। हर दिन कोई नया झूठ जिसकी संख्या इतनी अधिक है कि याद रखना भी मुश्किल हो गया है। ऐसा लगता है मानो झूठ बोलना उनकी दिनचर्या बन चुकी है। जब बात बिहार, यूपी व परप्रांतियों की आती है तब मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके लोग कोई कसर नहीं छोड़ते परप्रांतियों का अपमान करने में। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि बिहार के लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आते हैं और 5 लाख का फ्री में इलाज कराकर चले जाते हैं। जाहिर है कि यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान व परप्रांतियों के दिल्ली में इलाज करवाने वालों से भी मुख्यमंत्री केजरीवाल को नफरत है, लेकिन वो भूल जाते हैं के दिल्ली के विकास में इन परप्रांतियों को भी योगदान है। वहीं अगर दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू होती तो जिन दिल्लीवासी के माता-पिता बिहार, यूपी के हैं वह अपना इलाज दिल्ली में करवा सकते थे, और यहां के लोग भी आयुष्मान कार्ड के माध्यम से अन्य राज्यों में भी स्वास्थ्य सुविधा ले सकते थे। जो प्रवासी मजदूर जो दो वक्त की रोटी कमाने के लिए दिल्ली में रहते हैं वह भी जरूरत पड़ने पर इस योजना का लाभ लेकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्त होकर खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रखने में सक्षम होते। लेकिन मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि दिल्ली में किसी को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिले। दिल्ली के स्वास्थ्य व्यव्स्था इतनी थर्ड क्लास हो चुकी है कि दिल्ली के लोगों को अपना इलाज करवाने परप्रांत जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए अलोकतांत्रिक कार्य करने में सबसे आगे रहते हैं और लोगों के हित में कार्य करने में सबसे पीछे। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए परप्रांतियों के साथ सौतेला व्यवहार करने पर और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल सरकार के समक्ष पांच प्रश्न रखे:
1. जनकल्याणकारी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को बजट में वादा कर लागू न करके दिल्ली की गरीब और असहाय जनता को धोखा क्यों दिया?
2. निजी अस्पतालों से सांठ-गांठ के कारण आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं की, दिल्ली के गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ क्यों?
3. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना लागू करने हेतु नोटिस भेजे जाने पर भी अवहेलना क्यों की? जबाव दो?
4. दिल्ली के लोग प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ “वन नेशन, वन हेल्थ कार्ड“ की तर्ज पर पूरे देश में ले सकते थे, केजरीवाल सरकार ने जरूरतमंद लोगों को इस योजना से वंचित क्यों किया?
5. दिल्ली के विकास में योगदान देने वाले यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान व परप्रांतियों के दिल्ली में इलाज करवाने से केजरीवाल सरकार को नफरत क्यों?