बोतल से निकला वक्फ बोर्ड का जिन्न, 30 दिन में गांव खाली करने का दिया नोटिस




 

• वक्फ बोर्ड का दावा, सारा गांव हमारा
• वक्फ बोर्ड की मनमानी एक बार फिर सामने आई है। 

• वक़्फ़ बोर्ड ने पटना जिले के एक हिंदू गांव को अपना बताया है।
• जब उच्च न्यायालय ने बोर्ड से कागज मांगे तो कहा कि नहीं है।

• वक़्फ़ बोर्ड ने एक महीने के अंदर गांव को खाली करने का नोटिस भी दे दिया है।

• पटना सचिवालय से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर फतुहा के गोविंदपुर गांव की है।

• विष्णु भगवान या गोविंद के नाम पर बसे इस गांव पर सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने दावा किया है कि गांव हमारा है।


पटना: बिहार की राजधानी पटना से 35 किमी दूर स्थित फतुहा के एक गांव गोविंदपुर में जमीन को लेकर बवाल मचा हुआ है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गांव की जमीन को अपना बताते हुए यहां रह रहे लोगों को नोटिस भेजकर खाली करने को कह दिया है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह जमीन कब्रिस्तान की है। गांव वालों ने वक्फ बोर्ड के दावे को गलत बताया है और कहा है कि उनके पास जमीन के सभी कागजात हैं। मामला जिलाधिकारी (DM) तक पहुंच गया है और उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं।


• गांव में 95 फीसदी हिंदू आबादी

दरअसल, यह मामला केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर चल रही राजनीति के बीच सामने आया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फतुहा के एक गांव की जमीन पर अपना दावा ठोंकते हुए यहां रह रहे लोगों को 30 दिनों के अंदर घर खाली करने का नोटिस थमा दिया है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि यह जमीन कब्रिस्तान की है। वहीं, गांव वालों का कहना है कि यहां लगभग 95 प्रतिशत हिंदू आबादी रहती है और वे कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। उनके पास जमीन के सभी कागजात भी हैं। गांव वालों ने मीडिया को अपने कागजात भी दिखाए। ग्रामीणों के मुताबिक, गांव में लगभग 95 फीसदी हिंदू आबादी रहती है। यहां वह कई पीढ़ियों से रह रहे है और जमीन के कागजात भी उनके नाम हैं। इसके बाद भी अचानक से वक्फ बोर्ड ने हमारी जमीन पर अपना दावा कर दिया है। गांव वालों को जो नोटिस मिला है, उसमें उनकी जमीन को कब्रिस्तान की जमीन बताया गया है। गांव वालों ने वक्फ बोर्ड से भी जमीन के कागजात दिखाने को कहा है। 


• गांव में है मजार

ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों को नोटिस मिला है उनके घर के पीछे एक मजार है। उनका कहना है कि वह लोग दादा-परदादा के जमाने से इस जमीन के मालिक हैं। उन्होंने वक्फ बोर्ड से इस जमीन के अधिकार वाले पेपर दिखाने को कहा है। गांववालों का कहना है कि वक्फ बोर्ड की ओर से जबरदस्ती उनकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। परेशान ग्रामीणों ने डीएम से इसकी शिकायत करके अपने लिए सुरक्षा की मांग की है। डीएम के आदेश पर जांच में पता चला है कि वक्फ बोर्ड का दावा गलत है। ग्रामीणों के पास जमीन के सभी कागजात हैं और सरकारी रिकॉर्ड में भी यह जमीन उनकी पुश्तैनी बताई गई है। कुछ समय पहले सरकार ने इसी जमीन का कुछ हिस्सा लेकर मार्केट कमिटी को दिया था और ग्रामीणों को उसका मुआवजा भी दिया गया था।


• वक्फ बोर्ड ने नहीं दिए सबूत

वहीं, मीडिया ने जब वक्फ बोर्ड से इस जमीन पर उनके दावे के सबूत मांगे तो वे कोई सबूत नहीं दे पाए। इस घटना के बाद एक बार फिर से वक्फ बोर्ड पर जमीन हड़पने के आरोप लग रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। अब माना जा रहा है कि इसको लेकर बिहार में सियासत तेज होगी। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि किसी भी कीमत पर वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास नहीं होने देंगे।


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