• चौथे दिन छात्र- छात्राओं ने बैठक कर चरणबद्घ तरीके से आंदोलन चलाने का निर्णय लिया।
बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय में सभी कोटि की छात्राओं एवं एससी/ एसटी छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा की मांग पर आंदोलनरत छात्र- छात्राओं ने सोशल साइंस ब्लॉक में बैठक किया और आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई।
छात्र- छात्राओंं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की पूरी व्यवस्था अराजक है जिसे ठीक नहीं कर पा रहा है जबकि तानाशाही फरमान जारी कर रहा है। छात्रों के विरोध के पहले अलग- अलग विभागों में मनमाना फीस वसूला जा रहा था। अभी भी विभिन्न कॉलेजों के फीस में समानता नहीं है। इस तरह विश्वविद्यालय की अराजक व्यवस्था का खमियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। अन्य विश्वविद्यालय जहां उक्त छात्रों का नि:शुल्क नामांकन ले रहे और सरकार से राशि की मांग कर रहे हैं जबकि बिहार विश्वविद्यालय छात्रों से पैसे वसूल रहे हैं। वहीं छात्रों के सभी वाजिब तर्कों को अनसुना कर रहे हैं।
सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के इस तानाशाही फरमान के खिलाफ विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों एवं पीजी विभागों में हस्ताक्षर अभियान, ट्विटर कैंपेन एवं अन्य रचनात्मक माध्यमों से व्यापक छात्रों को एकजूट करते हुए आंदोलन को तेज किया जाएगा।
बैठक में शिव कुमार, चंदन कुमार, दीपशिखा, निधि, उजाला, पूजा, अनु, सौरभ, राजीव रंजन, वर्तिका, सुरभि, हिमांशु कुमार, ओमप्रकाश, हरिओम कुमार, मनीषा, मुस्कान, स्वाती, अर्चना, ज्योति, नेहा, अभिषेक,सुषमा, दीपमाला एवं विक्रम कुमार ने भी अपने मंतव्य रखें।