• तीनों आपराधिक काले कानूनों को तत्काल निरस्त करने की एसयूसीआई (सी) ने की मांग
• एसयूसीआई (सी) के महासचिव प्रभास घोष ने आज 01 जुलाई को निम्नलिखित बयान जारी किया:-
“न्यायविदों के साथ-साथ अन्य प्रमुख हस्तियों की आवाज़ और जनमत की अवज्ञा करते हुए भाजपा सरकार ने आज तीन काले आपराधिक कानून लागू कर दिए हैं। हालांकि इन कानूनों को औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाए गए कानूनों के स्थान पर लागू करने का दावा किया जाता है, लेकिन वास्तव में ये कानून और भी अधिक क्रूर और कठोर हैं तथा देश को पुलिस राज में बदलने वाले हैं। यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार पिछले दस वर्षों से जारी अघोषित आपातकाल और फासीवादी निरंकुश शासन को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है ताकि मेहनतकश जनता का जीवन और भी अधिक कष्टमय हो जाए।
• हम इन कानूनों को तत्काल निरस्त करने की मांग करते हैं तथा सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों, न्यायविदों और बुद्धिजीवियों से इस मांग के समर्थन में एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का आह्वान करते हैं।