मैं सांड़ हूं लोग कहते हैं कि मैं तुम्हारी फसल उजाड़ रहा हूँ सड़कों पर कब्जा कर रहा हूँ मैं तुम मनुष्यों से पूंछता हूँ कि इतने कम समय में मैं इतना अराजक कैसे हो गया। मैं तो हजारों वर्षो से तुम्हारे पूर्वजो की सेवा करता आया हू। मैं मनुष्यों का दुश्मन कैसे बन गया ? अभी कुछ सालों पहले तक तो लोग मुझे पालते थे चारा देते थे लेकिन मनुष्य ज्यादा सभ्य हो गया। ट्रैक्टर ले आया पम्पिंग सेट से पानी निकालने लगा और मुझे खुला छोड़ दिया। मैं कहाँ जाता ? कहाँ चरता ? मनुष्य ने चारागाहों पर कब्जा कर लिया। अब पापी पेट का सवाल है ? अपने पेट के लिए अपने मित्र मनुष्य से संघर्ष शुरू हो गया। यहां तक कि कुछ लोगों ने अपना पेट भरने के लिए मुझे काटना भी शुरू कर दिया मैं फिर भी चुप रहा ? चलो किसी काम तो आया तुम्हारे। मेरी माँ ने मेरे हिस्से का दूध देकर तुम्हे और तुम्हारे बच्चों को पाला लेकिन अब तो तुमने उसे भी खुला छोड़ दिया ? इधर पिछले सालों से कई मनुष्य मित्रों ने मुझे काटने से बचाने के लिए अभियान चलाया। लेकिन जब मैं अपना पेट भरने गलती से उनकी फसल खा गया तो वही मित्र मुझे बर्बादी का कारण बताने लगे। शायद अब ये भी चाहते हैं कि मैं काट ही दिया जाता। मित्र बस इतना कहना चाहता हूं कि मैं तुम्हारी जीवन भर सेवा करूंगा। तुम्हारे घर के सामने बंधा रहूँगा। थोड़े से चारे के बदले तुम्हारे खेत जोत दूंगा। कुएं से पानी निकाल दूंगा। गाड़ी से सामान ढो दूंगा बस मुझे अपना लो। लेकिन क्या मेरे इस निवेदन का तुम पर कोई असर होगा ? अरे तुम लोग तो अपने लाचार मां बाप को भी घर से बाहर निकाल देते हो। फिर मेरी क्या औकात..?? लेख विचारणीय है इस सच्चाई को नहीं झूठला सकते ?
07 सितम्बर 2021