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फाइल फोटो दिल्ली मेट्रो |
Seemanchal Express Bureau New Delhi
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J.K KUSHWAHA |
नई दिल्ली 31 अगस्त : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण की चर्चा और उनसे संबंधित शिकायतें लगातार अखबारों की सुर्खियां बनी रहती हैं, लेकिन सभी अखबारों की खबर और शिकायतें भ्रष्टाचारी गतिविधियों में सिमट कर दम तोड़ देती हैं, तथा निगम आयुक्त और निगम महापौर के सभी दावे भी खोखले साबित होते आए हैं लगभग 45 वर्ष पहले दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए काफी बड़े-बड़े प्लाट आवंटित किए थे, तथा स्थानीय भवन निर्माण प्रक्रिया के अंतर्गत सिर्फ 2 मंजिल निर्माण कार्य की अनुमति थी, लेकिन संबंधित निगम भवन निर्माण विभाग की भ्रष्टाचारी गतिविधियों के चलते पिछले डेढ़ दशक से बिना नक्शा आदि के अवैध निर्माण कार्यों ने झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र की सूरत ही बदल कर रख दी है। यहां संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े-बड़े प्लाटों को अवैध रूप से छोटे छोटे अनेक प्लाटों में बेचकर स्थानीय बिल्डरों द्वारा 5 से 6 मंजिल तक अवैध निर्माण कार्यों की होड़ सी लग गई है, जिसके संदर्भ में अनेक शिकायतें संबंधित विभाग को लिखित रूप में दी जाती है लेकिन अफसोस कि, सभी अधिकारी अपनी आंखें बंद करके बैठे रहते हैं, और जब किसी शिकायत कर्ता द्वारा RTI फाइल कर के दी गई शिकायत पर कार्यवाही की जानकारी मांगी जाती है तो शिकायत के अनुसार संबंधित अवैध निर्माण कार्य पर विभाग द्वारा की गई फर्जी कार्यवाही की जानकारी भी दे दी जाती है। इसी प्रकार झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लाट संख्या B-22 में धड़ल्ले से किए गए अवैध निर्माण कार्य, और संबंधित निगम अधिकारियों की लिखित शिकायत दिल्ली उपराज्यपाल, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, सतर्कता विभाग, निगम आयुक्त, उपायुक्त को दी गई थी, इस के बाद शिकायत कर्ता द्वारा फाइल की गई RTI का जवाब देते हुए निगम के संबंधित विभाग ने उक्त शिकायतों पर कार्यालय के रजिस्टर में दर्ज फर्जी कार्यवाही का हवाला देकर RTI reply भेज कर पल्ला झाड़ लिया, इस पर शिकायत कर्ता ने संज्ञान लेते हुए शाहदरा जिलाधिकारी को इस मामले की लिखित जानकारी देते हुए उक्त मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की जानकारी दी है , लेकिन जिला कार्यालय परिसर से प्राप्त सूत्रों के अनुसार उपरोक्त विषय में शीघ्र ही बड़ी कार्यवाही करने की जानकारी मिली है जिसमें प्लाट संख्या B-22 में किए गए पूर्ण रूप से अवैध निर्माण कार्य सहित अनेक अधिकारियों पर भी कानूनी कार्यवाही होना सुनिश्चित है