आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा: डॉ. एस. फारूक





आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा: डॉ. एस. फारूक

देहरादून: श्रीमती विमलादेवी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चंद्रपुर, महाराष्ट्र के 48 बीएएमएस छात्रों का एक बैच हिमालय वेलनेस कंपनी, देहरादून में औद्योगिक दौरे पर था। उनके साथ संकाय सदस्य वी.डी. अखिलेश देशमुख, वी.डी. खुशाल दहुले, प्रणिता पी. भाकरे, गौरी ए शिरोले और रजनी पी. जगजापे भी थे। उनके दौरे पर उन्हें हिमालय पर एक वृत्तचित्र, संग्रहालय, औषधीय पौधों के निर्माण, प्रसंस्करण और भंडारण दिखाया गया, ताकि उन्हें हर्बल दवा के बारे में व्यावहारिक जानकारी मिल सके।

एच.डब्ल्यू.सी. के अध्यक्ष डॉ. एस. फारूक ने उन्हें आयुर्वेद, द्रव्यगुण, रोग निदान, रसशास्त्र और चरक संहिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत आयुर्वेदिक दवाओं का सबसे बड़ा उत्पादक है। हिमालय हर्बल दवाओं के मामले में सबसे बड़ी निर्यातक कंपनियों में से एक है। उन्होंने उन्हें बताया कि दुनिया भर में निर्धारित 25% दवाएँ पौधों से आती हैं। समय की मांग है नवाचार जिसके लिए सभी छात्रों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए और इसके लिए पर्याप्त गुंजाइश है। शरीर के लिए बीमारियों का निदान करें और भोजन और जड़ी-बूटियों/हर्बल उत्पादों के साथ इलाज करें।

संकाय वी.डी. अखिलेश देशमुख ने डॉ. एस. फारूक को अपना बहुमूल्य समय देने और छात्रों को औषधीय पौधों के प्रसंस्करण और उनके उपयोग को व्यावहारिक रूप से देखने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।

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