पीएम मोदी ने इस साल भीषण गर्मी से निपटने के लिए गांधीनगर के राजभवन में किया हाई लेवल मीटिंग. (फोटो-ANI) |
• गर्मी को लेकर अलर्ट हुई सरकार, पीएम मोदी ने की हाई लेवल बैठक, खास तैयारियों का दिया निर्देश
नई दिल्ली। इस साल भीषण गर्मी की पड़ने की आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्म मौसम की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार शाम उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान पीएम मोदी ने मॉनसून के पूर्वानुमान, रबी फसलों पर प्रभाव, चिकित्सा बुनियादी ढांचे की तैयारी और गर्मी और शमन उपायों से जुड़ी आपदा की तैयारियों के बारे में जानकारी ली.
पीएमओ की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न हितधारकों के लिए अलग-अलग जागरूकता सामग्री तैयार करने को कहा. पीएम मोदी ने इसके साथ ही आईएमडी को रोजाना का मौसम पूर्वानुमान इस तरीके से तैयार करने का निर्देश दिया, जिसकी व्याख्या करना और उसका प्रचार-प्रसार करना आसान हो. प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही सभी अस्पतालों के विस्तृत फायर ऑडिट की आवश्यकता पर बल दिया और एफसीआई ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति में अनाज का इष्टतम भंडारण सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने को कहा.
• गर्मी से निपटने के लिए स्कूलों में खास लेक्चर का निर्देश
पीएमओ के मुताबिक, स्कूलों को अत्यधिक गर्मी की स्थिति से निपटने के लिए बच्चों को तैयार करने के लिए स्पेशल लेक्चर आयोजित करने के लिए कहा गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘गर्म मौसम के लिए क्या करें और क्या न करें’ को सुलभ प्रारूप में तैयार किया जाना चाहिए और प्रचार के विभिन्न तरीके जैसे जिंगल्स, फिल्म, पैम्फलेट आदि भी तैयार करके जारी किए जाने चाहिए.प्रधानमंत्री ने आईएमडी से दैनिक मौसम पूर्वानुमान इस तरह से जारी करने के लिए कहा, जिसकी आसानी से व्याख्या और प्रसार किया जा सके. उन्होंने मौसम के पूर्वानुमान के प्रसार के लिए समाचार चैनलों, एफएम रेडियो आदि को भी शामिल करने पर जोर दिया, ताकि नागरिकों को आवश्यक सावधानी बरतने में सुविधा हो.
• सभी अस्पतालों में होगी फायर ऑडिट और मॉक ड्रिल
पीएमओ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने सभी अस्पतालों के आग लगने से बचाव संबंधी उपायों की विस्तृत ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अग्निशमन विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में मॉक फायर ड्रिल किया जाना चाहिए.’ उन्होंने जंगल की आग से निपटने के लिए एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया और इसे रोकने और उससे निपटने के प्रयासों के लिए प्रणालीगत परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता जताई.