15 जनवरी, नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार ने तुगलकाबाद गाँव के निवासियों के बचाव और पुनर्वास के लिए आगे आते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिए है कि जल्द से जल्द पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास योजना तैयार करें| उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को मुख्य सचिव को पीड़ितों के पुनर्वास के लिए जमीन चिन्हित करने, जल्द से जल्द पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास योजना तैयार करने और एक सप्ताह के भीतर इसका स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है|
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि,”केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तुगलकाबाद गाँव में प्रस्तावित डिमोलिशन ड्राइव उस क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले लोगों के लिए बेहद क्रूर साबित होगा और लोगों पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डालेगा| लोगों विशेषकर वहां के बुजुर्गों,बच्चों, महिलाओं और विकलांग लोगों पर इसका बहुत प्रतिकूल असर होगा| ऐसे में दिल्ली सरकार का मानना है कि उचित पुनर्वास के बिना कोई डिमोलिशन नहीं किया जाना चाहिए|
इस बाबत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा है कि, “मुख्य सचिव भूमि-स्वामित्व (Land Owning) एजेंसी के साथ कोर्डिनेट करें,पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उनके वर्तमान आवास के निकटतम भूमि के टुकड़े की पहचान करें और पीड़ितों के लिए एक विस्तृत और उचित पुनर्वास योजना विकसित करें| साथ ही उपमुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को एक सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है|
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अपने डिमोलिशन ड्राइव के तहत तुगलकाबाद गाँव के 1000 से ज्यादा घरों पर बुलडोज़र चलाने वाली है| इससे इन घरों में रहने वाले हजारों परिवार बेघर हो जायेंगे| केजरीवाल सरकार ने इसपर त्वरित संज्ञान लेते हुए इनके पुनर्वास की योजना बनाने के निर्देश दिए है|
बता दे कि इस बाबत पीड़ितों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की है| तथा उच्च न्यायालय ने सभी स्टेकहोल्डर एजेंसी को तुगलकाबाद
गाँव से डिमोलिशन के कारण विस्थापित हो रहे पीड़ितों के पुनर्वास के लिए उचित योजना बनाने का निर्देश दिया है।