• प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रोफेसर विजय मल्होत्रा ने आपातकाल बंदियों को किया सम्मानित• कांग्रेस ने आपातकाल से अभी तक कोई सबक नहीं सीखा-आदेश गुप्ता
• आपातकाल की खबरें देने पर कई अखबार के कार्यालयों की बिजली तक काट दी गई-आदेश गुप्ता
• जनसंघ ने लोकतंत्र को बचाने के लिए बलिदान दिया-आदेश गुप्ता
• कांग्रेस ने आपातकाल में भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र को जो नुकसान पहुंचाया उसकी भरपाई कठिन है-आदेश गुप्ता
• आने वाली पीढ़ियों को आपातकाल जैसी घटना को जानकारी देना जरुरी है-मीनाक्षी लेखी
• हमें ऐसा समाज और लोकतंत्र बनाना है जिससे भविष्य में कोई भी सरकार आपातकाल न लगा पाए-मीनाक्षी लेखी• आपातकाल का वह दौर जब याद आता है तो रुह कांप जाती है-प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा
नई दिल्ली, 25 जून। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए सत्ता और सरकारी संपतियों का दुरुपयोग कांग्रेस ने किया। उस काले इतिहास को देखने और बताने की जरुरत है। समाचारों पर सेंसरशिप लागू कर दिया गया और आपातकाल की खबरें देने पर कई अखबार वालों के कार्यालयों की बिजली तक काट दी गई। इतना ही नहीं नसबंदी का दौर जबरन चलाया गया और इसकी चपेट में कई ऐसे युवकों की नसबंदी कर दी गई जिनकी शादी भी नहीं हुई थी।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में सबसे गलत काम आपातकाल लगाकर किया। इसी कारण कांग्रेस आज भी जनता का विश्वास नहीं जीत पाई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के लोगों ने जो संघर्ष किया उसकी जानकारी हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी देते रहना चाहिए।
आज केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा की उपस्थिति में आपातकाल बंदी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र को जितना नुकसान पहुंचाया है, उसकी भरपाई कठीन है। सत्ता में बने रहने के लिए तत्कालिन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का बर्बरतापूर्वक दमन किया। सम्मान समारोह में कोषाध्यक्ष श्री विष्णु मित्तल, प्रदेश प्रवक्ता श्री मोहन लाल गिहारा सहित अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित थे। कार्यक्रम के संचालक जिला अध्यक्ष श्री प्रशांत शर्मा ने किया।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि आपातकाल के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी और कांग्रेस का जनता ने जो हश्र किया उससे भी कांग्रेस ने सबक नहीं सीखा। जनसंघ ने तब भी लोकतंत्र को बचाने के लिए बलिदान दिया और आज भी भाजपा लोकतंत्र को बढ़ाने के लिए हर प्रयास कर रही है। लेकिन आपातकाल जैसी घटना से कांग्रेस के चरित्र को समझा जा सकता है कि जब वह सत्ता में होते हैं तो कैसा व्यवहार करते हैं। मीडिया, प्रेस सभी पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई थी।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि आज अगर भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी है तो उसमें कही न कही उन सभी महानपुरुष का बलिदान, तप और संघर्ष छिपा है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और यातनाएं सही। श्रीमती इंदिरा गांधी को हिटलर की संज्ञा देते हुए श्री गुप्ता ने उन सभी संघर्षकर्ताओं का धन्यवाद किया जिन्होंने आपातकाल जैसी निर्मम और निरंकुश निर्णय का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर भारत को लोकतंत्र के मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ना है तो आने वाली पीढ़ी को भी आपातकाल जैसी बर्बर घटना के बारे में जानने की जरुरत है।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव जहां हमें देश के विकास की जानकारी देता है वहीं कांग्रेस द्वारा कानून और संविधान का उल्लंघन कर देश में जिस तरह से आपातकाल लगाया गया उसकी जानकारी भी नई पीढ़ी को देना जरुरी है। उन्होंने आपातकाल के दौरान जेलों में बंद लोगों के साथ हुई बर्बरता की जानकारी देते हुए कहा कि हमे ऐसा समाज और लोकतंत्र बनाना है जिससे भविष्य में कोई भी सरकार आपातकाल न लगा पाए।
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान सत्ता के हाथों प्रताड़ित हुए लोगों का सम्मान करना नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी को इतिहास की जानकारी देने के साथ-साथ यह भी बताना है कि अपने सिद्धांतों के लिए जनसंघ के सदस्यों ने कैसे-कैसे जुल्म सह कर भी लड़ाई लड़ी।
प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि आपातकाल का वह दौर जब याद आता है तो रुह कांप जाती है क्योंकि उस वक्त लोगों को परिवार के सुख-दुख में शामिल होने की इजाजत तक नहीं दी गई। एक जेल के कमरे में जहां तीन से चार लोग सही से नहीं रह पाते वहां 20-20 लोगों को जानवरों की तरह बंद किया गया था, हम सभी उसके साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल की परिस्थियां फिर न बन सके इसके लिए हमसब को प्रयास करते रहना चाहिए। इस मौके पर श्री रामभज, श्री विजय खुराना, श्री नंद किशोर एवं श्री सुरजीत सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।