रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाले को सज़ा कब ? !! मिन्हाज कासमी




रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाले को सज़ा कब? 
दिलशाद गार्डन : रसूल पर टिप्पणी करने वाले कब कार्यवाई होगी मौलाना मिन्हाज अहमद कासमी राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया सीमांचल जन विकास परिषद एवं वरिष्ठ पत्रकार.मोहतमिम दावतुल कुरान ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा है कि रसूल की शान में गुस्ताखी करने वालों को सज़ा कब मिलेगी? , जिसके कारण आज हमारे मुल्क में हर जगह नफरत दिखाई देने को मिल रही है , भारत के नागरिक होने के बिना पर देश के प्रधान मंत्री से पूछना चाहता हूं कि जिसके कारण कानपुर में दंगा हुआ हुआ और कई लोगों की गिरफ्तारी हुई लेकिन जो असल फसाद का जड़ था उन्हें खुला छोड़ दिया गया यह कहाँ का इंसाफ है , सरकार ऊपर ऊपर काम कर रही है और फसाद के जड़ को नही देख रही है जिसके कारण यह सब हो रहा है , अगर सरकार अपने इंसाफ में ईमानदारी लाये तो यह गुस्ताखे रसूल का मामला तुरंत खत्म हो सकता है , इसलिए जिसके कारण यह सब हुआ उसे क़ानून के हिसाब से ज़रूर सज़ा दें ताकि यह सब बात दूसरा बोलने में सोंचे , किसी का मज़हब बुरा नही है , सबकी इज़्ज़त करनी चाहये , किसी का धर्म यह हुक्म नही देता की आपस मे एक दूसरे से दुश्मनी रखें , बल्कि धर्म तो सच्चाई और इंसाफ की राह और एक दूसरे से मोहब्बत भाई चारगी और एक दूसरे के दुख सुख में साथ देने का सबक़ सिखाता है , लेकिन कुछ सालों से हमारे मुल्क भारत मे धर्म के नाम पर जबरदस्त लड़ाई चल पड़ी है , और मुझे यह भी देखने को मिलता है की धर्म के नाम पर सब लड़ने मरने कटने को तैयार है लेकिन धर्म की बात पर चलने को बहुत कम लोग तैयार है , इससे ऐसा प्रतीत होता है की धर्म के नाम पर बहुत बड़ी राजनीति हो रही है , और इस राजनीति से सिर्फ मुसलमानों का नुकसान ही नही बल्कि पूरे भारत के लोगों का नुक़सान होगा , एक दूसरे में नफरत बढ़ेंगी , और लोग एक दूसरे को ग़लत नज़र से देखेंगे , इसलिए जो इंसान धर्म के नाम पर राजनीति कर रहा है वोह हमारा दुश्मन ही नही बल्कि पूरे मुल्क का दुश्मन है ,और मुल्क के लिए ऐसे लोग आतंकवाद से भी ज्यादा बुरे हैं , होना तो यह चाहये था कि रोज़गार शिक्षा औरतों की इज़्ज़त मेडिकल फैसिलिटीज और नौजवानों के बेहतर लाइफ के बारे में सोचना चाहये था की कैसे यह सब सुविधाएं प्रतेयक जनता को मिले , धर्म की बात को लाना ही नही चाहये था , हर इंसान को अपना अपना धर्म प्यारा है , पर धार्मिक होने के साथ साथ यह भी सोचना चाहये की हम भारत वासी हैं , भारत एक सेक्यूलर मुल्क है , आज से कुछ साल पहले तमाम धर्म के लोगों को एक दूसरे से काफी मोहब्बत थी जो धीरे धीरे खत्म होती जा रही है , धर्म और ज़ात पात की लड़ाई में मुल्क की इकोनॉमी बहुत निचले स्तर पर चली गई , जो किसी से ढकी छुपी नही है , अगर इसी तरह होता रहा तो वोह दिन दूर नही जब मुल्क फिर से ग़ुलाम हो जाएगा , अमन शांति नाम की चीज़ खत्म हो जाएगी , हर तरफ दंगा फसाद ही नज़र आएगा , इसलिए जो भी संगठन इस चीज़ को बढ़ावा दे रहा है उसपर शीघ्र रोक लगाई जाए , और एक नए भारत बनाने का संकल्प लिया जाए ,तब ही गंगा जमनी कल्चर बाक़ी रहेगी , और मुल्क विकास की तरफ आगे बढ़ेगा , मज़हब नही सिखाता आपस मे बैर रखना , हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा ,

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