अपने घोषणा पत्र में स्मार्ट कृषि योजना की बात करने वाले केजरीवाल ने किसानों को मजदूरी करने पर मजबूर किया-रमेश बिधूड़ी

Repoted by, संजय कुमार चौधरी Edited by, जयचंद कुमार कुशवाहा



• अपने घोषणा पत्र में स्मार्ट कृषि योजना की बात करने वाले केजरीवाल ने किसानों को मजदूरी करने पर मजबूर किया-रमेश बिधूड़ी

• दिल्ली के लगभग 35 गांव ऐसे हैं जिसके खेतों में पिछले सात सालों से गंदा पानी भरा हुआ है-विनोद सहरावत



नई दिल्ली, 12 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी के सांसद श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार से अगर किसानों को उनका हक़ चाहिए तो उसके लिए किसानों को अपने घरों से बाहर आना होगा क्योंकि अरविंद केजरीवाल एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो दिल्ली के सात गांव का नाम तक नहीं गिनवा सकते तो किसानों और मजदूरों के दर्द को क्या समझेंगे। पिछले चार दिनों से किसान लगातार दिन-रात एक कर अपनी आवाज को अंधी और बहरी केजरीवाल सरकार के पास पहुंचाने और अपने अधिकारों को पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक केजरीवाल ने ना ही किसानों से मिलने की कोशिश की और ना ही किसी भी प्रकार का संज्ञान लेने की जहमत उठाई है। अनिश्चितकालिन धरना प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल, प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष श्री विनोद सहरावत, मोर्चा महामंत्री श्री अनूप चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी एवं भारी संख्या में किसान-मजदूर उपस्थित थे।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए श्री रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अपने घोषणा पत्र में स्मार्ट कृषि योजना की बात करने वाले केजरीवाल ने कहा था कि 12 प्रकार की प्रणाली अपनाकर मिट्टी जांच कर यह पता किया जाएगा कि उनमें कौन सी फसल उगाई जाएगी लेकिन सात साल बितने के बाद भी एक भी मिट्टी की जांच अगर कराई हो तो केजरीवाल जवाब दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 70 सालों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया यही कारण है कि किसान दिल्ली, मुंबई इत्यादी शहरों में रोजी रोटी के लिए जाने को मजबूर हुए। आज किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं क्योंकि वे मूलभूत जरुरतें न मिलने की वजह से खेती नहीं कर पा रहे हैं। श्री बिधूड़ी ने कहा कि आज केजरीवाल दिल्ली के लोगों को सिर्फ धोखा देने का काम कर रहे हैं और कुछ नहीं। केजरीवाल ने धारा 81-ए और धारा-33 को भी तुरंत हटाने की बात कही थी, लेकिन आज तक वह नहीं हटा पाए। केंद्र सरकार किसानों के बजट को हर वित्तीय वर्ष में बढ़ाने का काम किया है लेकिन केजरीवाल ने किसानों के बजट को कम इसलिए कर दिया क्योंकि सरकार के अनुसार दिल्ली में किसान रहते ही नहीं है। आज किसानों का परिवार बढ़ रहा है तो उन्हें अपने इच्छानुसार अपनी ही जमीन पर कुछ भी निर्माण करने का हक नहीं है अगर वह कुछ निर्माणकार्य करते भी हैं तो उसे रोकने के लिए केजरीवाल सरकार के लोग पहुंच जाते हैं। श्री विनोद सहरावत ने कहा कि किसानों का एक बड़ा वर्ग पिछले चार दिनों से लगातार केजरीवाल आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहा है अपनी मांगों को मनवाए बिना हम नहीं जाने वाले हैं। दिल्ली के लगभग 35 गांव ऐसे हैं जिसके खेतों में पिछले सात सालों से गंदा पानी भरा हुआ है और उसका सबसे बड़ा कारण है कि ड्रेन की साफ सफाई कराने का ठेका पिछले सात सालों से एक ही ठेकेदार को दिया गया है। लेकिन आज तक केजरीवाल सरकार का कोई भी विधायक एवं मंत्री वहां जाकर किसानों से मिलने एवं उनकी मजबूरी जानने की जहमत तक नहीं उठाई। आज दिल्ली के गांवों में रहने वाले किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं है।

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