पप्पू यादव के सवाल पर बिहार कांग्रेस प्रभारी मौन, 4 महीने बाद आए पटना तो इस बात पर रखा फोकस





पटना। बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनने के लगभग चार माह बाद मोहन प्रकाश पटना आए। इस देरी का कारण उन्होंने शारीरिक अस्वस्थता को बताया। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में वे पूर्णिया में निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के साथ कांग्रेस के अंतर्संबंध सहित कई प्रश्नों को टाल गए। उनका पूरा फोकस कांग्रेस की चुनावी गारंटियों पर रहा। राहुल गांधी के विजन को उन्होंने कांग्रेस का घोषणा-पत्र बताया। उसमें पांच न्याय के तहत पांच-पांच यानी कुल 25 गारंटियों का उल्लेख है। चुनाव के दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर जाकर गारंटी-कार्ड सौंपेंगे। इस प्रतिबद्धता के साथ कि सत्ता में आने पर कांग्रेस को वह कार्ड दिखा वादे याद कराए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि महंगाई-बेरोजगारी से मुक्ति के साथ किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी है। आयोग बनाकर किसानों की कर्ज-माफी का मार्ग प्रशस्त होगा। अग्निपथ योजना को बंद कर सेना में नियमित नियुक्ति होगी। पुरानी पेंशन योजना को कांग्रेस प्रभावी बनाएगी। मोदी के 10 वर्षों के शासन को उन्होंने अन्याय काल बताया और कहा कि वे देश को तानाशाही की ओर धकेल रहे। प्रेस-वार्ता में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह, कौकब कादरी, कृपानाथ पाठक, शरबत जहां फातिमा, बिजेंद्र चौधरी, विश्वनाथ राम, कपिलदेव प्रसाद यादव, राजेश राठौड़ आदि उपस्थित रहे।

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