डॉक्टर एम र गोरिया नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया रेलवे मैप वर्किंग कमेटी में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए

 

नई दिल्ली, भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है इसे विश्व के सबसे पुराने रेलवे नेटवर्क में भी गिना जाता है लेकिन पिछले करीब 60 सालों में तकनीक के मामले में हम विश्व के कई देशों से पीछे थे यानी कि आजादी से लेकर सन 2000 तक रेलवे के कर्मचारियों ने नई उन्नत तकनीक के अभाव में अपना खून पसीना मेहनत और लगन से दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे को चला कर दिखाया मगर आज जब वह अपना पूरा जीवन देश सेवा में समर्पित करके रिटायर हो चुके हैं या रिटायरमेंट के मुहाने पर खड़े हैं तो केंद्र सरकार उनको सही पेंशन तक देने के लिए इच्छुक नहीं है!
देश के 4 राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी है जबकि उनकी आय का स्रोत केंद्र सरकार है तो क्या केंद्र सरकार अपना जीवन निछावर करने वाले रेलवे के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं दे सकती? 

भारतीय रेलवे ने हर मौसम हर विपदा में देश की सेवा की covid कॉल में हमने 3500 साथियों को खो दिया जिनके परिवार वालों को आज तक कोई मुआवजा नहीं मिला। रेलवे कभी थमा नहीं कभी रुका नहीं हां तकनीक का अभाव था तो कभी देर सवेर हो जाती है मगर इस देश की कल्पना रेलवे की बिना करना असंभव है मेरी बस यही विनती है कि जिन रेलवे कर्मचारियों ने अपनी जवानी खून पसीना रेलवे को चलाने में और इस देश के निर्माण में लगा दिया उन्हें कम से कम एक इज्जतदार बुढ़ापा जीने का मौका दिया जाए उनको ओल्ड पेंशन स्कीम और रुका हुआ डीए भुगतान किया जाए।                            

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