श्री कासमी ने यहाँ जारी बयान में कहा कि अभी तक वहां कुल 16 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. असली. दंगाई पुलिस कि पकड़ से बाहर हैं. उन्होंने कहा क़ि दिल्ली पुलिस कि कोशिश होनी चाहिए कि हिरासत में लेने की कार्यवाही पर एक तरफ़ा होने के आरोप न लगे. मिन्हाज अहमद कासमी ने कहा कि जहांगीरपुरी पुनर्वास कॉलोनी राजधानी के निम्न वर्गीय व्यक्तियों का क्षेत्र है. वहां कि आबादी का एक हिस्सा झुग्गियों में आबाद है. एक तरह से यह राजधानी कि श्रमिक लाइफलाइन है. दिल्ली शहर और यह बस्ती एक दूसरे पर निर्भर हैं. आल इंडिया सीमांचल जन विकास परिषद के अध्यक्ष मौलाना कासमी ने कहा कि इस दंगे जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा फ़ौरन की जाये. दोषियों की गिरफ्तारी में किसी तरह का पक्षपात न हो और वहां की स्तिथि पर स्थानीय नागरिक परिषद नज़र रखे. श्री कासमी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है कि दिल्ली के सभी संवेदनशील क्षेत्रों पर मुस्तैद नज़र रखे. धर्म के नाम पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ाने वालों पर कार्यवाही करे. उन्मादी लोगों से सख़्ती से निपटे. मिन्हाज अहमद कासमी ने कहा है कि दिल्ली अगर सुरक्षित नहीं है तो देश की कानून व्यवस्था का अंदाजा सहज़ लगाया जा सकता है. उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध किया है.