भंग होंगे नगर निगम,जल्दी नहीं होंगे चुनाव ‘स्पेशल ऑफिसर’ की होगी नियुक्ति



• भंग होंगे नगर निगम,जल्दी नहीं होंगे चुनाव ‘स्पेशल ऑफिसर’ की होगी नियुक्ति
• तीनों निगमों को एक करने वाला बिल लोकसभा में पेश, 250 से ज्यादा नहीं होंगे वार्ड
• फिर से होगा दिल्ली नगर निगम के वार्ड्स का परिसीमन, रिजर्वेशन और रोटेशन

नई दिल्ली। राजधानी के तीनों नगर निगमों को जल्दी ही भंग कर दिया जायेगा। इसके पश्चात जल्दी चुनाव नहीं हो सकेंगे। खास बात यह है कि भंग होने के बाद नगर निगम को चलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ‘स्पेशल ऑफिसर’ की तैनाती की जायेगी। जी हां दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। गृह मंत्री अमित शाह की अनुपस्थिति में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक नामक बिल को लोकसभा में पेश किया। लोकसभा में पेश किये गये बिल में एकीकृत नगर निगम के स्वरूप एवं कार्यप्रणाली के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है। बिल में कहा गया है कि विस्त्रित विवरण के बारे में गजट नोटीफिकेशन में खुलासा किया जायेगा। हालांकि मेयर के बारे में कहा गया है कि उन्हें नगर निगम की कार्यप्रणाली में एक्सेस के पूरे अधिकार होंगे। बिल में यह भी कहा गया है कि जब भी नये दिल्ली नगर निगम का गठन किया जायेगा तो गठन के बाद पहली बैठक होने तक निगम को चलाने के लिए एक ‘स्पेशल ऑफिसर’ की नियुक्ति की जायेगी। स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जायेगी। शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक में कहा गया है कि जब भी तीनों नगर निगमों को एक करके नये दिल्ली नगर निगम का गठन किया जायेगा, तब उसमें 250 से ज्यादा सीट या वार्ड नहीं होंगे। एक बार गठन के बाद भविष्य में जनसंख्या के आधार पर वार्ड्स का परिसीमन करके संख्या बढ़ायी जा सकेगी। शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये बिल में सरकार दिल्ली में मेयर-इन-काउंसिल प्रणाली लागू करने में मौन है। इस बिल में इस तरह की कोई चर्चा ही नहीं की गई है। हालांकि यह जरूर कहा गया है कि विस्त्रित विवरण गजट नोटिफिकेशन मे किया जायेगा, जिसे सरकार बाद में जारी करेगी। हालांकि बिल में नगर निगम के लिए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद जैसी प्रणाली का जिक्र भी नहीं कया गया है। बिल में डायरेक्टर लोकल बॉडीज की व्यवस्था को जारी रखने की बात जरूर कही गई है। शुक्रवार को लोकसभा में पेश किये गये बिल में कहा गया है कि नेये नगर निगम में गठन के समय 250 से ज्यादा वार्ड नहीं रहेंगे। इन वार्ड्स का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किया जायेगा। इसके साथ ही दिल्ली में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के आधार पर इन वार्ड्स में से आरक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा महिलाओं को पूरा मौका देने के लिए अलग से वार्डां का आररक्षण किया जायेगा। गौरतलब है कि इस तरह की प्रक्रिया में लंबा समय लगने की उम्मीद है, अतः तब तक नगर निगम भंग रहेगा और निगम के गठन तक चुनाव नहीं कराये जा सकेंगे। बताया जा रहा है कि इस काम में 1 से 2 साल तक का समय भी लग सकता है। दिल्ली नगर निगम के गठन तक इसे चलाने के लिए किसी वरिष्ठ नौकरशाह को दिल्ली की कमान सोंपी जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि किसी रिटायर्ड आईएएस या किसी रिटायर्ड जस्टिस को स्पेशल ऑफिसर नियुक्त किया जा सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि मोदी सरकार किसी वरिष्ठ राजनीतिज्ञ को भी नगर निगम की जिम्मेदारी सोंप सकती है।

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SEEMANCHAL EXPRESS

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