कोरोना का राष्ट्रीय स्तर पर 16.28 प्रतिशत की संक्रमण दर जबकि दिल्ली की 30.64 प्रतिशत की संक्रमण दर बहुत गंभीर चिंता का विषय -चो अनिल कुमार

अरविंद सरकार ने कम संख्या में संक्रमणों को दिखाने के लिए कोविड -19 परीक्षण को कम करना घातक कदम - चो अनिल कुमार

कोरोना का राष्ट्रीय स्तर पर 16.28 प्रतिशत की संक्रमण दर जबकि दिल्ली की 30.64 प्रतिशत की संक्रमण दर बहुत गंभीर चिंता का विषय चौ.अनिल कुमार

 

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष चो अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण और मौत की संख्या की खतरनाक संख्या को छिपाने के लिएअरविंद सरकार ने पिछले दो दिनों में कोविड -19 परीक्षण को एक तिहाई से कम कर दिया हैजो की  खतरनाक साबित हो सकता हैक्यूँकि बिना जाँच के वायरस अंदर ही अंदर समाज में फैल रहा है चौ.  अनिल कुमार ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने लोगों के बीच कोविड परीक्षण में जानबूझकर कमी करके आँकड़ों में सुस्ती पैदा कर रहे हैजिस वजह से  वायरस संक्रमित मरीज़ अनजाने में बीमारी को और ज़्यादा फैलाने के लिए स्वतंत्र रूप से घूम रहे है , क्योंकि परीक्षण किए गए नमूनों में से 95 प्रतिशत तेजी से फैलने वाले ओमाइक्रोन संस्करण के मामले हैं चौ अनिल कुमार ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राष्ट्रीय स्तर पर 16.28 प्रतिशत की दैनिक संक्रमण दर हैजबकि दिल्ली की 30.64 प्रतिशत की बहुत अधिक संक्रमण दर हैऔर कंटेन्मेंट ज़ोन क्षेत्रों की संख्या में भी राजधानी में तेजी से वृद्धि हुई है।

चौ अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद ने यह दावा किया था कि सरकार के पास प्रति दिन 3 लाख तक कोविड परीक्षण करने की क्षमता हैफिर भी शनिवार को केवल 67,000 परीक्षण आयोजित किए गए थेनतीजतन तेज गति से 30.64 प्रतिशत की संक्रमण दर के रूप में 20,714 संक्रमण मामले सामने आए 

 

चौ.  अनिल कुमार ने कहा कि सीएम अरविंद के झूठ का पर्दाफाश इस तथ्य से हो गया है कि जनवरी के पहले 15 दिनों में 128 कोविड की मौत की सूचना मिली थीलेकिन सीएम अरविंद अभी भी जोर देकर कहते हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है। चौ.  अनिल कुमार ने कहा कि अस्पतालों में कोविड के मरीज भरे जा रहे हैंबड़ी संख्या में मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ और कई आईसीयू में हैं।

  

चौ.  अनिल कुमार ने कहा कि मुखमंत्रि केजरीवाल जानबूझकर कम संख्या में कोविड -19 परीक्षण कर रहे है ताकि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में अपने  राजनीतिक अभियानों का मार्ग प्रशस्त कर,  टिकट वितरण और अन्य भ्रष्ट सौदों से पैसा कमा सकेक्योंकि दिल्ली में शराब की दुकानों की बिक्री और डीटीसी बसों की खरीद सहित विभिन्न सौदों के माध्यम से हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार के बाददिल्ली वालों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि कोविड प्रतिबंधों ने लाखों लोगों की नौकरी और आजीविका छीन ली हैलेकिन अरविंद सरकार ने उनके लिए किसी भी वित्तीय राहत की घोषणा नहीं की है। दर हैऔर कंटेन्मेंट ज़ोन क्षेत्रों की संख्या में भी राजधानी में तेजी से वृद्धि हुई है।

 

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