एक पखवाड़े बाद भी नहीं लागू हो सकी निषेधाज्ञा जमीन हड़पने की नीयत से अवैध निर्माण कार्य जारी




पटना सिटी
। करीब एक पखवाड़े पूर्व अनुमंडल कार्यालय और थाना के बीच कथित रूप से संवादहीनता   के कारण एक जमीन पर अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा अब तक निषेधाज्ञा लागू नहीं की जा सकी और जमीन को अवैध रूप से हड़पने का प्रयास जारी हैं। मामला नालंदा जिला के  सिलाव थाना क्षेत्र के नानन्द गांव का है। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया है। जानकारी के अनुसार सिलाव थाना क्षेत्र के नानन्द गांव निवासी शशिकांत वर्मा पिछले कई सालों से अपने परिवार के साथ पटना सिटी में रहते हैं। इसी का फायदा उठा गांव के ही ओजिर राम के पुत्र शीतलू  एवं महेंद्र राम एवं लखन राम का पुत्र लगानी एवं सुरेंद्र और लगानी का पुत्र गांव के ही‌ कुछ‌ दबंग लोगों के साथ मिलकर उनकी जमीन हड़पने की साज़िश रची। इसके तहत आरोपितों ने उक्त जमीन पर पिछले दिनों से निर्माण कार्य करने का प्रयास कर रहा था। जब इसकी जानकारी शशिकांत वर्मा को हुई तो उन्होंने इस संबंध में बीते 4 मार्च को सिलाव थाना और अनुमंडल पदाधिकारी को अलग -अलग आवेदन देकर  जमीन पर जारी निर्माण कार्य पर रोक लगाने एवं  जमीन पर निषेधाज्ञा लागू करने के लिए गुहार लगायी। लेकिन एक पखवारा बीत जाने के बावजूद प्रशासन ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं किया।‌ इधर, बीते रविवार को आरोपितों ने उक्त जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी अनीता कुमारी ने बताया कि उन्होंने परिवादी द्वारा दिये गये‌ आवेदन के आलोक में बीते 6 मार्च को ही सिलाव थाना और सिलाव सीओ से‌ ईमेल‌ द्वारा रिपोर्ट की मांग की थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं मिल पाने के‌ कारण‌ कार्रवाई नहीं की जा‌ सकी। इस बीच थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने एसडीओ द्वारा किसी तरह की रिपोर्ट मांगने‌ अथवा उसके द्वारा निर्देशित करने की‌ बात से इंकार किया। बाद में परिवादी द्वारा थाना पुलिस से काफी मिन्नतें करने के बाद पुलिस उक्त जमीन पर पहुंची और निर्माण कार्य फिलहाल बंद करा दिया। इस संबंध में पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य व भाजपा नेता शशिकांत वर्मा ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी पक्ष के एक कद्दावर नेता  द्वारा इस मामले में आरोपितो को मदद दी‌ जा‌ रही‌ है। परिवादी ने सूबे के  मुख्यमंत्री और डीजीपी को अलग -अलग आवेदन देकर पूरे‌ मामले‌ की जांच करा न्याय की गुहार लगायी है। 

• उक्त भूमि पर पूर्व में लग चुकी है निषेधाज्ञा          

शशिकांत वर्मा ने बताया कि आरोपितो द्वारा पूर्व में भी उक्त जमीन पर निर्माण कार्य करने का प्रयास किया गया था। लेकिन उनके द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय मे दायर परिवाद पत्र के आलोक में एसडीओ द्वारा दिये गये फैसले के तहत तत्काल निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी जिससे निर्माण कार्य बंद हो गया था। हालांकि एसडीओ ने अपने फैसले में परिवादी को सक्षम न्यायालय में अनुतोष  प्राप्त करने के लिए निर्देश दिया था। इसी निर्देश के आलोक में परिवादी सिविल कोर्ट बिहार शरीफ में वाद दाखिल किया है और उसकी सुनवाई की तिथि 23 मार्च निर्धारित की गयी है। लेकिन इस अंतराल का फायदा उठा आरोपितों ने बीते‌ रविवार से उक्त जमीन पर फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। 

• पैतृक संपत्ति की रखवाली करने वाले के साथ आरोपितों ने की मारपीट               
                                       
बताया जाता है कि शशिकांत वर्मा के सिलाव थाना क्षेत्र के नानन्द  गांव में स्थित पैतृक संपत्ति की देखभाल उसी गांव के लालमोहन राउत के पुत्र उमेश कुमार करते हैं।  उमेश कुमार का आरोप है कि झूले सोमवार को दोपहर कथित रूप से बिवादित जमीन के पास से गुजर रहे थे तभी आरोपितों ने उन्हें घेर लिया और उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दे मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें किसी तरह उनलोगो के चंगुल से छुड़ाया और घर भेजा। हालांकि पुलिस को लौट जाने के बाद  सभी आरोपित हरवे हथियार के साथ उमेश कुमार के घर पर चढ़ गये और पिस्तौल के बट से मारकर उमेश कुमार को घायल कर दिया। इस दौरान आरोपितों ने उनके  स्वजनों के साथ भी मारपीट की और उनकी पुत्री के गले का लॉकेट झपट लिया।

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