प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में चलो राजभवन अभियान के तहत सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अडानी महाघोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर उपराज्यपाल निवास का घेराव किया।
सीमांचल एक्सप्रेस • संवाददाता • संजय कुमार चौधरी
नई दिल्ली, 16 मार्च, 2023 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व चलो राजभवन अभियान के तहत सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अडानी महाघोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर उपराज्यपाल निवास का घेराव किया। भाजपा की मोदी सरकार ने अडानी समूह को फायदा पहुॅचाने की जन विरोधी नीति के चलते जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक के करोड़ों निवेशकों की लाखों करोड़ की राशि डूब रही है, और प्रधानमंत्री देश की जनता को जवाब देने की बजाय अडानी पर चुप्पी साधे हुए है।
प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के अलावा पूर्व सांसद श्री रमेश कुमार, पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, पूर्व विधायक व कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन श्री अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक श्री हरी शंकर गुप्ता, अल्का लांबा, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रणविजय लोचव, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, वरिष्ठ डा0 नरेश कुमार, कमलकांत गोस्वामी, जिला अध्यक्ष सर्वश्री राजेश चौहान, सतबीर शर्मा, मनोज यादव, विष्णु अग्रवाल, जुबैर अहमद, धर्मपाल चंदेला, और आदेश भारद्वाज, निगम पार्षद मौ0 जरीफ, लीगल सेल चेयरमैन एडवोकेट सुनील, श्री राजेश गर्ग, कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय, अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन अब्दुल वाहिद हिदायतुल्लाह, पूर्व निगम पार्षद पुष्पा सिंह और मीर सिंह सहित महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई, सेल एवं प्रकोष्ठों और ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारी भारी संख्या में मौजूद थे। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लेकर ‘‘मोदी-अडानी भाई-भाई, देश बेच खा गए मलाई’’ जे.पी.सी. का गठन करो-गठन करो’’, आदि नारे लगा रहे थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र में मोदी सरकार संसद में, देश और विदेश में हर जगह अडानी को बचाने के लिए ढाल बनकर खड़ी है और जेपीसी गठन की जगह सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का हवाला दे रही है जो Review of Regulatory framework के अंतर्गत अडानी हिडनबर्ग मुददे पर जांच करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग स्पष्ट है कि अडानी के खिलाफ जांच के लिए जेपीसी का गठन हो क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी का दायरा सीमित है वह अडानी पर जो चार्ज लगे है, उनकी बेनामी सम्पत्ति, उनकी शैल कम्पनियों द्वारा गड़बड़ी, 82 गुणा शेयर कैसे बढ़ गए, स्टॉक रीडिंग कैसे हुई इसकी जांच नही करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा निर्देश पर एल.आई.सी ने उन स्टॉक में निवेश किया जिनमें डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड निवेश नही करते है। सरकार के दबाव के कारण अडानी ग्रुप में निवेश करके एल.आई.सी./एस.बी.आई. को निवेश नेगेटिव हो चुका है और एल.आई.सी. के 30 करोड़ निवेशक और एस.बी.आई. के 45 करोड़ एकाउंट होल्डर लगभग 48000 करोड़ का नुकसान होने पर सरकार से सवाल पूछ रहे है जिसका मोदी सरकार के पास कोई जवाब नही है।
पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि उद्योगपति अडानी पर संसद में सरकार से माननीय श्री राहुल गांधी जी और कांग्रेस अध्यक्ष माननीय श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी द्वारा पूछे गए सवालों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोई जवाब क्यों नही दिया। प्रधानमंत्री मोदी छिपने की बजाय देश को बचाने के लिए अडानी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति जे.पी.सी का गठन करें। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि संसद के चलते सदन को सत्तारुढ़ दल भाजपा के सांसद शोर मचा कर खुद भंग करवा रहे है, क्योंकि विपक्ष अडानी पर सरकार को घेर रहा था।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अडानी घोटाले में जहां देश की आर्थिक स्थायित्व की दो संस्थाएं एल.आई.सी. और एस.बी.आई. डूबने स्थिति में पहुॅचाने वाले अडानी के बावजूद पीएम का विदेश जाना और वहां अडानी को नए बिजनेस डील मिलना कोई संयोग नही मोदी सरकार का प्रयोग हैं। भारत की फॉरेन पॉलिसी को मोदी जी ने अडानी के लिए फॉरेन डील पालिसी बना दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पूंजीपति मित्र मोह की नीति के चलते देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिसके कारण गरीब, निम्न और मध्यम वर्ग अजीविका का संकट खड़ा है।