File Photo ;- उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना |
नई दिल्ली, 23 जून, 2022 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार उन्मूलन का नारा देकर सत्ता में आए अरविन्द केजरवाल की सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के साथ-साथ दिल्ली सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करने वाले अधिकारी भी भरपूर भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिनके खिलाफ मिली शिकायत पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत उपसचिव दो एसडीएम और एक सब रजिस्ट्रार को निलंबित करने के निर्देश दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को देने पड़े। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार नियंत्रण पर उपराज्यपाल द्वारा कार्यवाही करने से साफ हो गया कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नाक के नीचे भ्रष्टाचार फलफूल रहा है और मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार खत्म करने की जगह अपने भ्रष्टाचारी जेल में बंद मंत्री सत्येन्द्र जैन को बचाने को बचाने में सारी शक्ति लगा रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार में उजागर भ्रष्टाचार का मामला कोई पहली घटना नही है, परंतु यह अफसोसजनक है कि दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग के होते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही का आदेश मुख्यमंत्री की जगह उपराज्यपाल को मुख्य सचिव को देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के आधीन कालकाजी में ईडब्लूएस फ्लैट के निमार्ण में रही खामियों के चलते भी उपराज्यपाल ने दो सहायक इंजीनियरों को भी निलंबित करने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल मंत्रीमंडल के 80 प्रतिशत मंत्रियों तथा 38 विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप साबित हो चुके है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से दिल्ली में आसीन आम आदमी पार्टी की अरविन्द केजरीवाल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का बोलबाला इस कदर हावी हो गया है कि जनता का सामाजिक, कल्याण अथवा प्रशासनिक किसी भी तरह का काम बिना रिश्वत के पूरा नही हो सकता है, जबकि केजरीवाल पारदर्शिता और ईमानदारी का बखान करते है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल की पक्षपाती सोच और प्रशासनिक नाकामी का ही नतीजा रहा कि उनकी सरकार के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड काल में अस्थायी अस्पताल बनाने का भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया है जिसमें उन्होंने अस्थायी अस्पताल सिर्फ कागजों में ही बनाए है, वास्तविकता में दिल्ली सरकार ने सिर्फ घोषणा करके टैंडर निकाला, परंतु अस्पताल नही बने। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कोविड काल में दिल्लीवालों की जान से खिलवाड़ करके भ्रष्टाचार के द्वारा पार्टी के लिए फंड अर्जित किया।