• J. K KUSHWAHA " CHANDAN ",SEEMANCHAL EXPRESS BEAURO NEW DELHI
नई दिल्ली,
भारत एक लोकतंत्र देश है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ‘पत्रकारिता’ को माना जाता है, क्योंकि यहां लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ (Right to Expression) के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है।प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक ‘प्रेस परिषद’ (Press Council) की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई 1966 को भारत में Press Council की स्थापना की ग, जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर आज तक हर साल 16 नवंबर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ (National Press Day) के रूप में मनाया जाता है।
आखिर क्यों मनाया जाता है? National Press Day
इस दिवस का मूल उद्देश्य ‘प्रेस की आजादी’ के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है। प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। इस कारण सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। जबकि वर्तमान समय में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित ना होने के कारण आए दिन पत्रकारों की हत्त्या की खबरे अखबार की सुर्खियों में देखने को मिलती है। जो सभ्य समाज के लिए शर्म की बात है।