रायपुर, खेल को रुचि, लगन और मेहनत के साथ खेला जाए तो न सिर्फ खेल में निखार आता है, बल्कि श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में कामयाबी मिलती है। कोरबा के प्रभमन सिंह ने ऑनलाइन राष्ट्रीय शतरंज चयन स्पर्धा के अंडर 10 ओपन केटेगरी में कमाल का प्रदर्शन करते हुए 11 चक्रों में आठ अंक अर्जित कर शतरंज प्रेमियों का ध्यान आकृष्ट किया है। न्यू एरा प्रोग्रेसिव स्कूल कोरबा में कक्षा पांचवीं में अध्ययनरत प्रभमन ने चर्चा के दौरान अपने प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे लगातार नौ चक्रों तक बिना कोई मैच हारे टॉप बोर्ड पर खेल रहे थे। मगर, आखरी के दोनों मैच समयाभाव के कारण सटीक गणना नहीं कर पाने की वजह से बेहतर स्थिति के बाद भी दोनों मैच हाथ से निकल गए। इस तरह से भारतीय टीम में स्थान बनाने में मात्र एक कदम से दूर रह गए। प्रतियोगिता के लिए विशेष तैयारी को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से कोई तैयारी नहीं की थी। लॉकडाउन अवधि में रोजाना सात घंटे के अभ्यास को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल कर लिया था। इसी बीच राज्य स्तरीय ऑनलाइन चेस चैंपियनशिप में भाग लेने का अवसर मिला और जब मैंने अंडर 18 में अच्छा प्रदर्शन किया, तो मेरे अंदर एक जबरदस्त हौसला आया। इसी हौसले के बलबूते इस मुकाम तक पहुंचा। प्रभमन द्वारा खेली गई बाजी में सात जीत, दो ड्रा व दो हार शामिल हैं। शतरंज के प्रति प्रभमन के रुझान के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के बारे में इनके पिता सुखबीर मल्होत्रा ने जवाब देते हुए कहा कि प्रभमन ढाई साल की उम्र से शतरंज खेल रहा है। घर पर बच्चे शुरुआती दौर में लूडो, सांप सीढ़ी और वीडियो गेम में मशगूल रहते थे। मुझे लगने लगा कि मनोरंजन के इस साधन से बच्चों का भला होने वाला नहीं है। चाहे वो वीडियो गेम के किसी भी स्तर को पार कर ले। शतरंज के प्रति मेरी भी रुचि होने के कारण मैंने बच्चों को इसी दिशा में आगे बढ़ाने का निश्चय किया और बच्चे भी शतरंज में रम गए। बेटी जसमन कौर जो कि इनसे दो साल बड़ी है वो भी शतरंज की राष्ट्रीय खिलाड़ी है।