𝗦𝗘𝗘𝗠𝗔𝗡𝗖𝗛𝗔𝗟 𝗘𝗫𝗣𝗥𝗘𝗦𝗦 𝗕𝗨𝗥𝗘𝗔𝗨
नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही आज दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही को प्रश्नकाल के साथ शुरू किया। सदस्यों की ओर से प्रश्नकाल के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली और अपनी विधानसभा से जुड़े अलग-अलग मामलों को सदन में उठाया। सदस्यों की ओर से विशेष उल्लेख नियम 280 के तहत क्षेत्रीय समस्याओं को भी सदन के समक्ष प्रमुखता से उठाया। संबंधित विभागीय मंत्रियों की ओर से सदन उठाए प्रश्नों का उत्तर भी दिया गया। सदन में दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दिल्ली माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021 को भी सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त दिल्ली में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अतुल्य भारत) भोजन तथा शयन कक्ष संस्थापना ( पंजीकरण एवं विनियम) (संशोधन) अधिनियम, 2021 विधेयक को भी सदन में पेश किया। इन दोनों संशोधन विधेयकों को पारित भी किया गया है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने भोजन तथा शयन कक्ष संस्थापना संशोधन विधेयक को सदन में पेश करते हुए इसमें किये गये कई बदलावों से भी सदन को अवगत कराया। उन्होंने वक्तव्य देते हुए यह भी कहा कि दिल्ली में भोजन तथा शयन कक्ष योजना में कुल 347 लोग पंजीकृत हैं। दिल्ली भर में इस योजना के तहत 1,630 कमरे सुविधा के तहत उपलब्ध हैं। उन्होंने इस योजना से जुड़ने वाले इच्छुक लोगों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सरल बनाने का प्रावधान भी किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना से जुड़ने के लिए पंजीकरण की अवधि को अब 90 दिन से घटाकर 30 दिन किया गया है। इच्छुक लोगों को अब इस योजना से जुड़ने में 90 दिन का इंतजार नहीं करना होगा। इन सभी को 30 दिन के अंदर और इससे पहले भी पंजीकृत किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह योजना कोरोना महामारी के दौरान भी लोगों को बड़ी राहत देने वाली साबित हुई। उन्होंने इस योजना का एक अच्छा और सराहनीय कदम भी बताया। इसको देश की संस्कृति, विरासत और दूसरी पर्यटन से जुड़ी हुई यादों को देश दुनिया में प्रचारित होने का एक अच्छा माध्यम बताया। इस संशोधन विधेयक प्रस्ताव पर सदन में सदस्य विशेष रवि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बिल जो संशोधन के साथ सदन में प्रस्तुत किया गया है, बेहद ही सराहनीय और दिल्ली के पर्यटन को और बढ़ावा देने वाला होगा। प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की ओर से पूछे गए तारांकित प्रश्नों के अंतर्गत ज्यादातर सदस्यों ने बिजली, राशन व्यवस्था और दिल्ली नगर निगम से जुड़े सवालों को सदन के समक्ष उठाया। सदस्य जरनैल सिंह ने क्षेत्र की राशन कार्ड व्यवस्था को लेकर प्रश्न किए। इस पर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ई- जिला पोर्टल पर आवेदन करने की सुविधा आवेदकों को दी हुई है। इसके अतिरिक्त आवेदक ऑफलाइन माध्यम से भी राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने सदन को यह भी अवगत कराया कि नए राशन कार्ड बनवाने में इसलिए परेशानी आ रही है कि केंद्र सरकार की ओर से 72 लाख राशन कार्ड ही जारी करने की सीमा निर्धारित की हुई है। घर- घर राशन डिलीवरी योजना पर सदन में वक्तव्य देते हुए मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम के संसद में पारित करने के बाद से इस योजना पर दिल्ली के उप-राज्यपाल ने अपना अलग मत व्यक्त किया है। हमने दिल्ली वासियों के लिए घर-घर राशन डिलीवरी योजना लागू करना की योजना का निर्णय लिया था। लेकिन नए जीएनसीटीडी कानून के आने के बाद इस योजना को लागू नहीं किया जा सका है। सदस्य राजेश गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, राजेश ऋषि आदि ने भी सदन में राशन कार्ड व्यवस्था और समस्याओं को लेकर प्रश्न किए। सदस्य अखिलेश पति त्रिपाठी ने दिल्ली की तीनों नगर निगमों को दी जाने वाली वित्तीय राशि के आवंटन से जुड़ी राशि की जानकारी देने के लिये शहरी विकास मंत्री से सवाल पूछें। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने सदन को अवगत कराया कि दिल्ली की तीनों नगर निगम दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम की दिल्ली सरकार पर कोई बकाया राशि नहीं है। मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि उल्टे तीनों नगर निगमों पर दिल्ली सरकार की राशि बकाया है। 2015 से अब तक दिल्ली की तीनों नगर निगमों पर दिल्ली सरकार की अलग-अलग देनदारी बकाया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के ऊपर 760 करोड़ रुपये, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के ऊपर 2,407 करोड़ रुपये और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के ऊपर 3,669 करोड़ रुपए की बकाया राशि है जिसको दिल्ली सरकार को वापस किया जाना है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने पिछले 6 सालों में एक भी पैसा दिल्ली सरकार को नहीं दिया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 4 साल और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 2 साल से दिल्ली सरकार को इस बकाया राशि का एक भी पैसा सरकार को नहीं दिया गया है। दिल्ली नगर निगम को दी जाने वाली राशि को लेकर सदस्य विजेंद्र गुप्ता, राजेश यादव ने भी कई सवाल सदन के समक्ष पेश किए। सदस्य सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सहकारी समितियों की ओर से प्लॉट आवंटन में हो रही घपला बाजी और गड़बड़ियों का मामला सदन के समक्ष उठाया। इस पर सहकारी मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भी सदन के समक्ष कई दस्तावेज प्रस्तुत किए। वहीं, एक प्लॉट आवंटन मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष रामनवास गोयल ने इसको दिल्ली विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति को भेजते हुए 30 दिनों के भीतर जांच करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सदन को अवगत कराया है कि अगर समिति चाहे तो इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जा सकता है। सदस्य जय भगवान ने दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की बकाया वेतन और पेंशन राशि आदि का मामला भी सदन के समक्ष उठाया। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मई-जून तक का वेतन कर्मचारियों को दिया जा चुका है जिसका डाटा दिल्ली की नगर निगमों की ओर से उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली नगर निगम अपनी वित्तीय हालत खराब होने की बात कहते हुए वेतन और पेंशन की समस्या होने का कारण बता रही हैं। सदस्यों की ओर से सदन में पथ प्रकाश से जुड़े मामले को भी जोर शोर से उठाया। सदस्य संजीव झा, अजय महावर, सौरभ भारद्वाज, ऋतुराज, जरनैल सिंह, विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट आदि ने पथ प्रकाश के लिए लगाई जाने वाली एलईडी लाइट आदि का मामला उठाया। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि दिल्लीभर 2.10 लाख पथ प्रकाश के लिए एलईडी लाइट को लगाने का काम तीनों डिस्कॉम कंपनियां कर रही हैं। बीएसईएस राजधानी को 70,000, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड को 70,000 और दिल्ली टाटा पावर को भी 70,000 एलईडी लगाने का टेंडर दिया गया है। इन सभी को इसके लिए ₹45 करोड़ दिए जा चुके हैं। अभी तक 1.20 लाख एलईडी लाइट लगाई जा चुकी हैं। कोरोना की वजह से इस कार्य में विलंब हुआ है। बाकी 90,000 लाइट्स भी जल्दी लगा दी जाएंगी। उन्होंने विधायकों को यह भी आश्वासन दिया कि सभी विधानसभा में 33 हजार लाइट लगाने का आवंटन किया गया था। कोई विधायक और ज्यादा लाइट्स लगवाना चाहता है तो उसके लिए भी व्यवस्था की जा रही है। नियम 280 के तहत उठाए जाने वाले मामलाें से पहले भाजपा सदस्य ओम प्रकाश शर्मा को अध्यक्ष रामनिवास गोयल पर की गई अमर्यादित टिप्पणी पर अगले सत्र तक के लिए निष्कासित कर दिया गया। सदस्य भूपेंद्र सिंह जून ने दिल्ली नगर निगम की ओर से दिए जाने वाले टोल बूथ के टेंडर पर असामाजिक तत्व के जमावड़े पर आपत्ति जताई। सदस्य अजय दत्त ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से अंबेडकरनगर में शुरू किए गए अस्पताल को साउथ दिल्ली का बड़ा अस्पताल बनाए जाने की बात कही है। नरेश यादव ने महरौली विधानसभा में गांव की जमीन को डीडीए के द्वारा अधिग्रहण करने के बाद भी पार्किंग आदि की व्यवस्था नहीं कराने का मामला सदन के समक्ष उठाया। सदस्य मुकेश कुमार अहलावत ने केंद्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरह ही दिल्ली सरकार का अनुसूचित जाति आयोग गठित करने की मांग भी सदन के समक्ष जोरशोर से उठाई। सदस्य विशेष रवि ने इस मांग का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार से जल्द ही इस तरह का आयोग दिल्ली का भी गठित करने की मांग की। सदस्य जरनैल सिंह ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े मामले, अजय महावर ने शिक्षा को लेकर और सदस्य प्रीति तोमर ने क्षेत्र में दिल्ली परिवहन निगम की ओर से बनाए गए बस क्यू शेल्टर की बदहाल स्थिति का मामला सदन के समक्ष उठाया।
सदन में अखिलेश पति त्रिपाठी की ओर से केंद्र सरकार तथा दिल्ली विधानसभा और इसकी समितियों के अधिकार क्षेत्र में संवैधानिक और अनाधिकृत हस्तक्षेप विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी की गई। चर्चा में सदस्य सौरभ भारद्वाज, विजेंद्र गुप्ता, राघव चड्ढा, आतिशी ने भाग लिया। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम के बारे में चर्चा करने की याद 8 माह बाद दिल्ली सरकार को आ रही है। केंद्र सरकार की ओर से पारित किया गया जीएनसीटीडी एक्ट बहुत ही अच्छा और सराहनीय कदम है। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस चर्चा का जवाब सदन में दिया और इस को निरस्त करने की मांग सदन की ओर से की गई। सदन में 'दिल्ली नगर निगम क्षेत्रों में सड़कों, पार्कों तथा स्वच्छता सुविधाओं की खराब स्थिति दिल्ली में स्वास्थ्य और पर्यावरण को बुरी तरह प्रभावित कर रही है' विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी की गई। सत्ता पक्ष के सदस्य संजीव झा की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव पर कुलदीप कुमार, जितेंद्र महाजन और राजेश गुप्ता ने दिल्ली नगर निगम के कार्य शैली को लेकर विचार व्यक्त की। सदन में केंद्रीय कृषि विधायकों को वापस लेने की मांग संबंधी चर्चा भी सदन में की गई। सत्ता पक्ष के सदस्य जरनैल सिंह की ओर से प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव पर वीरेंद्र सिंह कादियान और रामवीर सिंह बिधूड़ी आदि ने विचार व्यक्त किए। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने चर्चा का जवाब सदन में दिया। शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि तीनों कृषि कानून देश के किसानों के हित में इनमें से एक कानून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंजूरी दी थी। उन्होंने वक्तव्य देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद किसानों की आय और उत्पादन दोगुना हुआ है। किसानों की कई राज्यों में रिकॉर्ड फसल प्रोक्योरमेंट हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वादे को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने जनता के बीच यह बात कही थी कि दिल्ली की सरकार दिल्ली के किसानों को उनके गेहूं और धान की फसल खरीद पर 50 फ़ीसदी ज्यादा भुगतान करेगी। इसके लिए 100 करोड रुपए का भी प्रावधान सरकार की ओर से किया गया था। लेकिन दिल्ली की सरकार ने किसानों के लिए किए गए की गई इस घोषणा को अमल में अभी तक नहीं लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की भूमि का अधिग्रहण करने के बाद उनको रेजिडेंशियल रिहायशी आवास के लिए 250 से 400 गज का प्लॉट आवंटित किया जाता है। उन्होंने यह बात भी कही की ग्राम सभा की जमीन पर व्यवसायिक गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए जनता के हित से जुड़े हुए जुड़ी योजनाओं पर ही योजनाओं को ही तैयार किया जाना चाहिए उन्होंने दिल्ली के किसानों के लिए है योजनाओं को लागू करने की मांग भी दिल्ली सरकार से की उन्होंने किसानों के लिए मुफ्त बिजली लाल डोरा को बढ़ाने किस यंत्र पर सब्सिडी देने दिल्ली को किसानों को ट्रैक्टर खरीद पर सब्सिडी देने की मांग भी सरकार से की सदन में सौरभ भारद्वाज की ओर से कोरोना संक्रमण के दौरान सेवा देने वाले दिल्ली के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को पद्म पुरस्कारों के लिए चुने जाने को लेकर चर्चा करवाई गई। सदन में रोहित मेहरोलिया, भूपेंद्र सिंह जून, अजय महावर ने भी सदन में विचार व्यक्त किए। अजय महावर ने कहा कि इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। लेकिन इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए। दिल्ली सरकार के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम के डाक्टर और स्टॉफ को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। सदस्य ने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने का समर्थन भी किया। उन्होंने यह बात भी कही की दिल्ली के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ आदि के लिए दिल्ली रत्न अवॉर्ड की व्यवस्था शुरू कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ सफाई कर्मियों और उन सभी कोरोना यौद्धाओं को भी 1-1 करोड रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाए जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान बढ़-चढ़कर दिल्ली की जनता की सेवा की है। इसमें शिक्षक, सफाई कर्मी, अस्पताल कर्मी, दिल्ली पुलिस के जवान और अन्य सभी फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस चर्चा पर सदन में जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली और देश का पूरा फर्ज बनता है कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ का पूरा सम्मान करें। दिल्ली सरकार ने जो कदम उठाये और डॉक्टर का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया था कि जब कोरोना महामारी शुरू हुई उस वक्त 15 दिन डॉक्टर काम करेंगे और उसके बाद में क्वारंटाइन रहेंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार ने डॉक्टर्स के रहने के लिए फाइव स्टार में व्यवस्था की थी। देश ही नहीं दुनिया में दिल्ली सरकार अकेली ऐसी सरकार थी। दिल्ली सरकार ने डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा फ्रंटलाइन वर्कर के लिए ड्यूटी के दौरान शहीद होने वालों को 1 करोड रुपए की सम्मान राशि देने की घोषणा की गई थी। ऐसा उनके परिवार का मनोबल बढ़ाने के लिए किया गया था। कई परिवारों को घर जाकर राशि दी गई है। उन्होंने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से हर साल चुनिंदा लोगों को पदम अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों से नॉमिनेशन आमंत्रित करती है। इस बार दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि केवल डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ का ही नाम पद्म अवार्ड के लिए नामित करेगी। दिल्ली सरकार की ओर से इस दिशा में प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है और 3 दिन पहले ईमेल के जरिए मांगे गए नामों के तहत अब तक 2100 नाम प्राप्त हुए हैं। केंद्र सरकार को चुनिंदा नामों की सूची भेजने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है।
केंद्र सरकार से आग्रह भी किया है कि दिल्ली ही नहीं, राज्यों से भी जिन डॉक्टर्स के नाम केंद्र सरकार को भेजे जाएं। उनको पदम अवार्ड दिया जाए। उनके प्रति एक बड़ा सम्मान होगा। भारतीय डॉक्टर को सामूहिक रूप से भारत रत्न अवार्ड दिया जाए। इससे मेडिकल फ्रेटरनिटी का सम्मान बढ़ेगा। इन दोनों प्रस्तावों का समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने किया। इन दोनों प्रस्तावों को दिल्ली विधानसभा की ओर से सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके बाद दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।