भरत सिंह की रिपोर्ट
नई दिल्ली, 06 जून: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार के उस आरोप को पूरी तरह से झूठा बताया जिसमें उन्होंने यह कहा था कि केंद्र सरकार उन्हें गरीबों के बीच राशन नहीं बांटने दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मई-जून में मुफ्त राशन वितरण कर रही है और साथ ही दिल्ली के 72 लाख कार्डधारियों को भी राशन पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश कार्यालय में आज हुई प्रेसवार्ता में नेताप्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, नई दिल्ली से सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार उपस्थित थे।
आदेश गुप्ता ने कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए केजरीवाल इस तरह के झूठे आरोप केंद्र पर लगा रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मई और 5 जून तक दिल्ली को तय कोटे से अधिक 72,782 मैट्रिक टन अनाज भेजा गया है जिसमें दिल्ली सरकार करीब 53,000 मैट्रिक टन अनाज ही अभी तक उठा पाई है और इसका मात्र 68 प्रतिशत ही जनता को बांट पाई है। इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल गेहूं पर मात्र 2 रुपये प्रति किलो अनुदान देते हैं और केंद्र सरकार 23.73 रुपये प्रति किलो अनुदान देती है। चावल पर केजरीवाल मात्र 3 रुपये प्रति किलो अनुदान देते हैं और केंद्र सरकार 33.79 रुपये प्रति किलो अनुदान देती हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल इसके अतिरिक्त भी राशन बांटना चाहते हैं, तो इसके लिए वो राशन खरीद सकते हैं। जो नोटिफाइड रेट हैं, उस पर राशन खरीदा जा सकता है। इस पर किसी प्रकार की आपत्ति केंद्र सरकार को या किसी को नहीं होगी। लेकिन केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना नाम देना काफी निचले स्तर की राजनीति है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार अपनी मुख्यमंत्री राशन योजना की बात तो कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की योजना वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना को सरकार ने इस विषय पर आगे बढ़ने से मना कर दिया, जिस कारण हजारों मजदूर आज राशन लेने से वंचित रह गये हैं। केजरीवाल सरकार अगर सच में दिल्ली के गरीबों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो वन नेशन वन कार्ड योजना को लागू क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए 2 महीने का राशन आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सड़ रहा हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार उन्हें बांटने में भी असमर्थ है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल जिस मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना की बात कर रहे हैं दरअसल वो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार से मिले राशन को ही बांटकर खुद का नाम देना चाहते हैं और इसके पीछे एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की साजिश रची जा रही है। जब यह राशन गरीब जनता के घर तक पहुंचाई जाएगी तो उसकी पैकिंग चार्ज, डिलीवरी चार्ज के साथ राशन को महंगे दामों में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के 72 लाख कार्डधारकों के लिए हर महीने 126 करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च कर रही है और केजरीवाल सरकार जो हर साल प्रचार पर 1000 करोड़ रूपये खर्च कर रही है वह दिल्ली की जनता के लिए 126 करोड़ खर्च क्यों नहीं कर सकती है? पिछले सात सालों में 70 लाख लोगों ने राशन कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करवाये लेकिन आज तक उन्हें राशन कार्ड तो केजरीवाल सरकार दे नहीं पाई और आज घर-घर राशन वितरण करने की बात करते हैं। केजरीवाल सरकार की दोहरे चेहरे को जनता जान चुकी है और समझ भी चुकी है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केजरीवाल सरकार बिचैलियों की फौज खड़ा करना चाहती है जिनमें उनकी हिस्सेदारी बराबर मिलती रहे। दिल्ली की 2 हजार राशन दुकानों की व्यवस्था ठीक कर उन्हें आधार से जोड़कर आधुनिक करने की बजाय केजरीवाल का इरादा बिचैलियों के माध्यम से दुकानों तक राशन पहुंचाना है। ऐसे में राशन पहुंचे या ना पहुंचे उन्हें बिचैलियों से धन मिलता रहेगा इसलिए वे राशन वितरण में किसी तरह की पारदर्शिता नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राशन विक्रेता भी सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है। और वह पहले ही इस मुद्दे को अदालत में चुनौती दे चुके हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यदि केंद्र सरकार से हटकर कोई नई योजना लाना चाहते हैं तो इसके लिए किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। इसके लिए उन्हें दिल्ली के बजट में प्रावधान करना होगा और अगर ऐसा वह नहीं करते हैं तो उन्हें केंद्र की योजना को उसके द्वारा निर्धारित नियम के तहत ही चलाना होगा।