निलंबित एडीजी जीपी सिंह और उनके करीबियों को नोटिस, तीन दिन का समय

सीमांचल एक्सप्रेस ब्यूरों रिपोर्ट 
रायपुर,  एसीबी पूर्व चीफ व निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस ने चार टीमें बनाई है। जो अलग-अलग जगहों पर छापा-मार कार्रवाई कर रही है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। रायपुर पुलिस के आला अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार निलंबित एडीजी और उनके करीबियों नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में साफ निर्देश दिया गया है, जिसके पास जो साक्ष्य हो वो पुलिस के पास जमा कर दें व अपना बयान दर्ज करवाए। तीन दिन तक इंतजार किया जाएगा, उसके बाद सख्त कार्रवाई होगी।
शुक्रवार को निलंबित एडीजी जीपी सिंह की तलाश में रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर तक जांच की गई। पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। वहीं, चर्चा है कि जीपी दूसरे राज्य निकल गए हैं। पुलिस ने बिलासपुर से सभी अलग-अलग ओर जाने वाले रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला है, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। निलंबित एडीजी के घर व परिचितों की निगरानी पुलिस द्वारा की जा रही। पुलिस के अधिकारियों ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह, उनके सहयोगी मणीभूषण, प्रीतपाल चाण्डोक, राजेश बाफना को नोटिस जारी किया है। निलंबित एडीजी के निवास अफसर नोटिस लेकर पहुंचे, लेकिन वहां किसी ने रीसिव नहीं किया तो वापस लौट आए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शनिवार को पूर्व एसीबी चीफ के घर नोटिस लेकर फिर अफसर जाएंगे।
निलंबित एडीजी पर पुलिस लगातार नजर रखे हुई थी। बुधवार को जीपी सिंह बिलासपुर कोर्ट जाने निकले। उनके पीछे पुलिस की दो गाडि़यां लगी हुई थीं। देरशाम तेज आंधी तूफान की वजह से पुलिस जीपी की गाड़ी से कुछ दूर रह गए इसका फायदा उठाकर वह गायब हो गए। वहीं, गाड़ी में केवल ड्राइवर बचा। वह गाड़ी लेकर वापस आ गया। डायरी के पन्नों में मौजूदा और पिछली सरकार के प्रभावशाली लोगों के खिलाफ ऐसी-ऐसी बातें लिखी गई हैं, जिसे बेहद संगीन माना जा रहा है। यही नहीं, डायरी में बस्तर और सरगुजा के अलग-अलग हिस्सों का राजनीतिक विश्लेषण भी है। पन्ने में सरगुजा की विधानसभा सीटों का बारीक विश्लेषण भी है। सरकार के एक मंत्री का प्रतिबंधित संगठन से संलिप्तता की बात भी कही गई है।
यह भी लिखा पाया गया कि भाजपा छत्तीसगढ़ में काफी कमजोर हो गई है। पूर्व सीएम के खिलाफ भी काफी कुछ लिखा गया है। यही नहीं, पिछली सरकार के ताकतवर अफसरों की प्रापर्टी डिटेल्स और पारिवारिक स्थिति का भी जिक्र है। एसीबी ने छापेमारी के बाद डायरी को पुलिस को सौंप दिया था और पुलिस ने विवेचना के बाद प्रकरण को राजद्रोह के लायक माना है। पुलिस जीपी सिंह की गिरफ्तारी की कोशिश में लग गई है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस टीम जीपी सिंह की गिरफ्तारी के लिए बिलासपुर और अन्य जगहों पर भेजी गई है। उनके करीबी लोगों से लगातार पूछताछ हो रही है, लेकिन जीपी सिंह का कोई पता नहीं चल पाया है।

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