संजय कुमार चौधरी
संजय कुमार चौधरी |
किसान संसद में कल भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषि पाल अंबावता जी की आज्ञा अनुसार किसान संसद में *प्रदेश अध्यक्ष पं. सचिन शर्मा प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी और प्रदेश सचिव मास्टर राजकुमार गौड़ जी* किसान सांसद के रूप में उपस्थित हुए । प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी जी ने बहस में हिस्सा लेते हुए सदन को बिजली एक्ट 2020 क्या है और इसे क्यों लागू किया जा रहा है के विषय में बताया और आने वाले समय में बिजली एक्ट के क्या क्या गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं उससे भी सदन को अवगत कराया। अंत में सभापति महोदय के माध्यम से समस्त किसान सांसदों के विचारों को देखते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया कि बिजली एक्ट का विरोध भी 3 किसान विरोधी कानूनों की तरह ही किया जाएगा ।
क्योंकि यदि बिजली एक्ट 2020 लागू होता है तो इसका हमारे किसान और मजदूर का जीवन और भी असहज और मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि सरकार की मंशा राज्य सरकारों के नियामक आयोगो से अधिकार छीनने की है और बिजली का वितरण और बिल वसूली का काम प्राइवेट हाथों में देने की है।
सरकार विश्व बैंक के इशारे पर electricity control enforcement Authority बनाकर इलेक्ट्रिसिटी फ्रेंचाइजी मॉडल के माध्यम से राज्य सरकारों के अधिकारों का हनन करना चाहती है जो हमारे देश के संघीय ढांचे को पूरी तरीके से प्रभावित करेगा और किसान मजदूर के जीवन को प्रभावित करने की वजह से हमारी विश्व प्रसिद्ध सभ्यता और संस्कृति पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा क्योंकि यदि हमारी खेती कॉरपोरेट हाथों मैं चली गई तो कहीं ना कहीं हम अपनी परंपरागत जड़ों से दूर हो जाएंगे। और अपनी समृद्ध सामाजिक संस्कृति को भूल जाएंगे। जो हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
आने वाले समय में राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी रिशिपाल अंबावता जी के निर्देशानुसार बिजली एक्ट 2020 का विरोध किस तरह किया जाए निर्धारित करके रणनीति बनाई जाएगी ।