सुनील कुमार सैन की रिपोर्ट
नई दिल्ली, दक्षिणी निगम में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिये विशेष अभियान के तहत बुधवार को महापौर अनामिका ने सिविक सेंटर परिसर में एक कृत्रिम जलाशय में मच्छर के लार्वा को मारने के लिये गंबूसिया मछली छोड़ी। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मच्छरजनित बिमारियों के नियंत्रण के लिये दक्षिणी निगम के अधिकार क्षेत्र के 100 जलाशयों में गंबूसिया मछली डाली जा रही है, अभी तक 46 जलाशयों में ये मछलियां डाली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस मछली को किसी प्रकार के तालाब, नाले, पानी से भरे बड़े गड्ढ़े में ड़ाल सकते है, इस मछली की विशेषता है कि वे मच्छर के लार्वा को खा जाती है। इसके अतिरिक्त महापौर ने जनस्वास्थ्य विभाग के उच्चअधिकारियों के साथ बैठक की और ड़ेगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान को और अधिक तेज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मच्छर प्रजनन की रोकथाम के लिये जनस्वास्थ्य विभाग जनवरी से ही प्रयास कर रहा है। हमारे डीबीसी कर्मचारियों द्वारा चारों जोन में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग ने शैक्षिक संस्थानों में मच्छरों का प्रजनन का पता लगाने के लिये विशेष अभियान चलाया और 484 शैक्षिक संस्थानों का निरीक्षण किया गया जिसमें से 118 संस्थानों में मच्छरों का प्रजनन पाया गया। इन 118 संस्थानों को सरकारी नोटिस और चालान भी जारी किये गये। ये नोटिस और चालान दिल्ली नगर निगम, मलेरिया और अन्य मच्छर जनित बीमारी, उपनियमों 1957 के प्रावधान के अंतर्गत जारी किए गए। ऐसे प्रमुख संस्थान जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है- डॉन बॉसको स्कूल, लेडी इरविन स्कूल, राज कुमारी अमृत कौर नर्सिंग कॉलेज, आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज, गिरि नगर, डीआईटीई, ओखला, मीरा बाई पॉलटेक्निक इंस्टिटयूट महारानी बाग, सेंट पोल स्कूल, अरबिंदो कॉलेज। केन्द्रीय विद्यालय आर.के पुरम, दिल्ली स्कूल ऑफ फार्मेसी ललिता देवी इंस्टिटयूट ऑफ मैनेजमेंट और दिल्ली सरकार के विद्यालय और दक्षिणी निगम के प्राथमिक विद्यालय ओखला , जसोला, कालकाजी, मदनपुर खादर, रजोकारी गांव, आया नगर, साद नगर, गीतांजली पार्क, तेहरा गांव, ककरोला, द्वारका, नजफगढ़, पालम,ईस्ट ऑफ कैलाश मोदी मिल, लाजपत नगर-1, कोटला मुबारकपुर, आर.के पुरम, छत्तरपुर, मंगलापुरी इत्यादि।